बगीचा बजरंग दल ने बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं के साथ अत्याचार पर प्रधानमंत्री को लिखे अपने लेख में लिखा है की,जब देश स्वतंत्र हुआ तब आज का बांग्लादेश जो पूर्व पाकिस्तान था उसमें हिन्दुओं की जनसंख्या 30 प्रतिशत थी। जिहादियों के द्वारा निरंतर अत्याचार और उत्पीड़न के कारण लगभग डेढ़ करोड़ बांग्लादेशी हिंदू शरणार्थी बनकर भारत में आ चुके है। और अब बांग्लादेश में सिर्फ 7% हिंदू जनसंख्या ही बची है। भारत सरकार के संकल्प और भारतीय सेनाओं के शौर्य और बलिदान के कारण पाकिस्तान के चुंगल में से आज का बांग्लादेश मुक्त हुआ,स्वतंत्र हुआ और भारत का इन पर उपकार होने के बावजूद भी 1971 के बाद भी बांग्लादेश में हिंदू सुरक्षित नहीं है।
आप जानते हैं कि बांग्लादेश में जिहादियों के द्वारा हिन्दुओं के विरुद्ध हिंसा का नग्न नाच चल रहा है । दुर्गा मंडप पर हमले उनको तोड़ना मंदिरों पर हमला अनेक हिन्दुओं की हत्या सैकड़ों घरों जलाकर संपत्ति को नष्ट करना लूटना और आज भी वह हिंसा का तांडव रुक नहीं रहा है। देश का देश भक्ति हिन्दू नागरिक बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार के कारण दुखी है आक्रोश में है। आप जानते हैं कि देश जब स्वतंत्र हुआ तब भारत और पाकिस्तान के बीच समझौता हुआ था। तत्कालीन भारत के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली ख़ान के बीच समझौता हुआ था। वह समझौता के अंतर्गत भारत पाकिस्तान के अल्पसंख्यक की सुरक्षा सुनिश्चित की गई थी। बांग्लादेश में वह समझौता का पालन न करके हिन्दुओं पर निरंतर अत्याचार कर रहे है। बांग्लादेश की सरकार हिन्दुओं की रक्षा करने में विफल रही है ।बांग्लादेश के हिन्दुओं की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी बांग्लादेश के साथ भारत सरकार की है। हम देश के हिन्दू माग करते हैं कि भारत सरकार नेहरू लियाकत समझौता का पालन करते हुए बांग्लादेश के हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए तुरंत भारत की सेना बांग्लादेश भेजे।