अंबिकापुर :– पिछले कुछ समय से गांधीनगर पुलिस लगातार चर्चा में बनी हुई है आए दिन कोई ना कोई ऐसा मामला सामने आ रहा हैं जो गांधीनगर पुलिस को सवालों के घेरे में लाकर खड़ी कर देती हैं। ताजा मामला कल शाम का हैं जिसमें गांधीनगर पुलिस फिर से विवादों में घिर गई है, दरअसल मामला गंगापुर स्थित शराब दुकान के पास का है जहां कल शाम को गांधीनगर टीआई अपने दल बल के साथ गंगापुर शराब दुकान के पास पहुंचे और शराब दुकान के आसपास मौजूद ठेलो और गुमटीओ में आग लगाकर उनके पूरे सामानों को नष्ट कर दिया।
गंगापुर स्थित शराब दुकान को वहां से हटाने की मांग बार बार वहां के नागरिकों द्वारा की जा रही थी साथ ही साथ वहां शराब दुकान के आसपास चलने वाले ठेलो और गुमटियों के कारण वहां दिन भर शराबियों का जमावड़ा लगा रहता हैं जिस कारण वहां के लोगो को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था जिसे लेकर वहां राजनीतिक पार्टियों द्वारा कई बार विरोध प्रदर्शन भी किया गया था। ऐसे में पुलिस और आबकारी विभाग द्वारा ठेलो और गुमटियों को वहां से हटाने से लोगो को काफी सहूलियत होगी। किंतु कानून को हाथ में लेना चाहे वो आम नागरिक हो या स्वयं पुलिस सही नही कहा जा सकता।
ऐसे में अब सवाल यह भी उठता है कि कानून के रखवाले को कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार आखिरकार किसने दिया पुलिस को चखना दुकानों को वहां से हटाने की अनुमति थी ना कि वहां जाकर ठेलो और गुमटीओ में आग लगाने की।
ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि वहां के छोटे-छोटे व्यवसायी जोकि शराब दुकान के पास अपने ठेले और गुमटीओ को लगाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे उनकी ठेलो और गुमटीओ और उनके पूरे सामानों में आग लगा दी गई जिससे इन व्यवसायियों को काफी क्षति हुई है इसकी क्षतिपूर्ति कौन करेगा..??