नई दिल्ली
भारतीय सैनिक अब एलएसी पर चीन की किसी भी करतूत से निपटने के लिए फायरिंग भी कर सकते हैं. सरकार ने सेना को एलएसी पर चीन के किसी भी दुस्साहस से निपटने के लिए हथियार चलाने और गोलाबारी तक करने की छूट दे दी है. यानि सैनिक अब चीन के साथ सीमा को लेकर हुई संधियों से बंधे नहीं हैं.वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों की संख्या बढ़ाई गई है। वहीं श्रीनगर-लेह हाईवे पर गांदरबल से आगे वाहनों की आम आवाजाही रोक दी गई है। केवल जरूरी वाहनों को छूट हैं।
इस बाबत आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेना प्रमुख और सीडीएस, जनरल बिपिन रावत के साथ चीन सीमा पर चल रहे गतिरोध को लेकर समीक्षा-बैठक की. करीब एक घंटे चली इस मीटिंग में रक्षा मंत्री ने सैनिकों को चीन सीमा पर उत्पन्न किसी भी विषम-परिस्थिति में किसी भी तरह कार्रवाई की छूट दी है.
रक्षा मंत्री के साथ इस बैठक में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे,नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने हिस्सा लिया. सूत्रों ने बताया कि सिंह ने शीर्ष सैन्य अधिकारियों को जमीनी सीमा, हवाई क्षेत्र और रणनीतिक समुद्री मार्गों में चीन की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए और चीनी सैनिकों के किसी भी दुस्साहस का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए ‘सख्त’ रुख अपनाने को कहा है. सूत्रों ने बताया कि सशस्त्र बलों को दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की सेना के किसी भी प्रकार के आक्रामक रवैए से निपटने के लिए पूरी स्वतंत्रता दी गई है.
गलवान में शहीद हु्ए थे 20 जवान
15 जून को लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन के जवानों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस दौरान भारत के 20 जवान शहीद हुए थे। वहीं, इस दौरान चीन के 43 सैनिकों के हताहत होने की खबर है। हालांकि, चीन ने अभी तक इसे स्वीकार नहीं किया है।