ASI संजय तिवारी जैसे दलाल कर रहे वर्दी को शर्मशार,,, रिश्वत लेकर नशे के कारोबार को दी हरी झंडी….

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प्रशान्त पाण्डेय
अंबिकापुर
एक तरफ जहां नशे के कारोबार शहर में बढ़ते जा रहे हैं,वहीं पुलिस इसे रोकने की नाकाम कोशिशों में लगा हुआ है,आए दिन कहीं कहीं कुछ एक मामलों में गिरफ्तारी होती है, लेकिन अधिकतर मामलों में कुछ दलाल पैसे लेकर मामला खत्म कर देते हैं,जिससे अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।
ऐसा ही एक मामला सामने आया हैं जिसमे अंबिकापुर के एक पुलिस अधिकारी द्वारा एक गांजा विक्रेता से दो पुड़िया गांजा पकड़ने पर उससे 1 लाख की मांग की गई और उसे यह भी कहा गया की अगर अभी इस मामले से अपनी जान बचाना चाहते हो तो 50 हजार दो और बेचना चाहते हो तो 1 लाख दो और उस दलाल पुलिस वाले ने गांजा वाले से पैसे लेकर अपना मुंह बंद कर लिया।
हम पूछना चाहते हैं की क्या सरकार पुलिस वालों को सैलरी नही देती जो इस तरत से इन पुलिस वालों को हांथ फैलाकर भीख मांगना पड़ता हैं। इस तरह भीख मांगते हुए उस पुलिस वाले को शर्म तक नही आयी होगी जो एक बेशर्म की तरह हांथ फैलाकर भीख मांग कर कार्यवाही रोक दी इस पुलिस अधिकारी ने।

संजय तिवारी ASI है इस अधिकारी का नाम
संजय तिवारी अंबिकापुर में गस्ती दल का हिस्सा हैं और दलाली कर रहे हैं।
महानुभाव ने विगत कुछ दिनों पहले एक व्यक्ति को अवैध मादक पदार्थ गांजा बेचते हुए पकड़ा जिसके बाद उसे गिरफ्तार करने के बजाय उसके पास ₹50000 की डिमांड रख दी पुनः बेचने देने के लिए ₹100000 की मांग रख दी जिसके बाद रिश्वत की एक खेप एएसआई संजय तिवारी तक पहुंच चुकी है।
संजय तिवारी एक सीनियर पुलिस वाला है जिसके द्वारा इस प्रकार का कृत्य किया जाना वर्दी को कलंकित करता है आखिर अगर ऐसे भ्रष्ट और निकम्ममें पुलिस वाले जब तक रहेंगे, तब तक हमारे देश में नशे का व्यापार या कोई भी अपराध नहीं रुक पायेगा। संजय तिवारी द्वारा इस तरह की घटना को अंजाम देना उन ईमानदार पुलिस वालों की वर्दी को कलंकित किया है जिन्होंने अपने अपने कर्तव्य के लिए अपनी जान तक दे दी है। दूसरी ओर हमारे भ्रष्ट पुलिस अधिकारी संजय तिवारी जी हैं जो अपना मान सम्मान और ईमान सब बेच कर पैसे कमाने में लगे हैं। क्या सरकार इन्हें पैसे नहीं देती या फिर इनका लालच इतना बढ़ गया है जो मिलने वाली सैलरी इनको संतुष्टि नहीं दे पा रही है।

क्या उच्च अधिकारियों को भी मिलता है हिस्सा??

ऐसे मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं जिसमें कहीं ना कहीं पुलिस नाकामयाब रहती है या फिर उसमें संलिप्त रहती है। विदित हो कि कुछ दिन पहले हमने कोतवाली थाना के पास मादक पदार्थ गाजा बेचने वाले एक व्यक्ति का पर्दाफाश किया था जिसके द्वारा कोतवाली से महज कुछ दूरी पर गांजा बेच रहा था वहीं दूसरी ओर आज हम एक ऐसे भ्रष्ट करप्ट पुलिस वाले की सच्चाई सामने लेकर आ रहे हैं जो दलाली करके ऐसे अपराध को बढ़ावा दे रहा है। इसमें सोचने वाली बात यह है कि ऐसे अधिकारियों के हौसले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं, जिससे वे रात दिन कड़ी मेहनत करके अवैध वसूली एवं दलाली कर रहे हैं तो क्या इसमें उच्च अधिकारियों का भी हिस्सा बंधा हुआ है जो वे ऐसे भ्रष्टाचारियों पर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं। यदि उच्च अधिकारियों को इन पुलिसवालों द्वारा हिस्सा दिया जा रहा है तो यह बेहद शर्मनाक घटना है और यदि यह सिर्फ एक सोच है की पुलिस के आला अधिकारियों को पैसा मिल रहा है और वास्तव में ऐसा नही हैं तो पुलिस विभाग ऐसे पुलिस वालों को संरक्षण क्यों दे रहे हैं यह सोचने का विषय है। हमारे द्वारा कड़ी दर कड़ी इस न्यूज के सारे साक्ष्य सामने लाए जाएंगे

कब होगी ऐसे भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई आखिर कब तक लगेगी खाकी पर दाग?
हम उस खाकी की बात करते हैं जिसने हमारी सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है जिन्होंने सच की आवाज को दबने से रोका हैं। परंतु कुछ ऐसे लोग भी हैं जो इसी खाकी को कलंकित करके उन वीरों की बलिदानों को व्यर्थ करने के प्रयास में लगे हुए हैं लेकिन कुछ दलाल चोर पुलिस विभाग में भी है जिनके द्वारा अपराधियों को पकड़ कर उन पर कार्यवाही करने के बजाए उनसे पैसे की मांग की जाती है और उन्हें मुंह मांगा रकम मिलने के बाद उनका संरक्षण पालन पोषण भी किया जाता है। धिक्कार है ऐसे दलाल पुलिस वालों पर जिनके चलते पुलिस विभाग बदनाम हो रहा हैं।
देखने वाली बात तो यह है की आखिर कब संजय तिवारी पर कार्यवाही होगी या फिर तिवारी जी द्वारा इतनी बड़ी मोटी रकम दी गई होगी जिसके भार तले पुलिस के आला अधिकारी कार्यवाही करने के लिए अपनी कुर्सी से उठ भी नहीं पाएंगे।

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