प्रशान्त पाण्डेय
अम्बिकापुर 2 जुलाई को शादी संपन्न कर बारातियों के साथ वापस आ रहे लमगांव निवासी प्रियेश तिवारी एवं उनके परिजनों पर खरसिया नाका चौक में घात लगाकर बैठे पर्राडांड निवासी जीशान और मजीद के द्वारा प्रियेश तिवारी की गाड़ी रुकवा कर बंदूक एवं धारदार हथियार से हमला किया गया था। इस हमले में गोली ना चलने की स्थिति में प्रियेश तिवारी के सिर पर बंदूक की बट से हमला किया गया था तथा बीच-बचाव करने आए उनकी बहनों के साथ मारपीट व छेड़छाड़ की गई थी। जिसके संबंध में कोतवाली पुलिस में अपराध पंजीबद्ध भी कराया गया था परंतु इतने दिनों के बीत जाने के बाद भी बीच शहर में दिनदहाड़े कट्टा निकालने वालों तक आज तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है।
लचर है कानून व्यवस्था सुबह 7:00 बजे एफआईआर कराने पहुंचे परिजनों का 2:00 बजे दर्ज हुआ एफ आई आर
घटना के तुरंत बाद परिजन कोतवाली थाने में पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज कराने की कोशिश करते रहे लेकिन लचर कानून व्यवस्था के कारण परिजनों का एफ आई आर 2:00 बजे दर्ज हो पाया।
सोचने वाली बात यह है कि पुलिस की प्राथमिकता किसी भी फरियादी की फरियाद को सुनते हुए जल्द से जल्द उसे न्याय दिलाने की होती है लेकिन पुलिस इतनी सुस्त और आलसी तरीके से काम कर रही थी कि सुबह 7:00 बजे अपनी नई नवेली दुल्हन को लेकर थाने पहुंचे प्रियेश तिवारी का एफ आई आर काफी मशक्कत के बाद दोपहर 2:00 बजे दर्ज हो पाया।
दलाली करते नजर आए कोतवाली थाना के एसआई सरफराज फिरदौसी और प्रमोद पाण्डेय
परिजनों का आरोप है कि जब परिजन अपनी शिकायत लेकर थाने पहुंचे तब कोतवाली थाना में पदस्थ उप निरीक्षक सरफराज फिरदौसी ने परिजनों से कंप्रोमाइज करने तथा अपराध पंजीबद्ध करवाने की स्थिति में अपने आवेदन से कट्टे( बंदूक) शब्द को हटाने के लिए काफी ज्यादा दबाव बनाया गया था।
परिजनों का आरोप है कि सरफराज फिरदौसी द्वारा एफ आई आर ना करने और पैसे लेकर मामले को खत्म करने की बात कही गई थी।
गौरतलब है कि किसी भी पुलिस अधिकारी का काम अपनी जात धर्म आदि से परे हटकर अपने कर्तव्य का निर्वहन करने का होता है। लेकिन पीड़ित के परिजनों द्वारा लगाए गए आरोप काफी संगीन है और पुलिस के कार्यों पर सवालिया निशान उठा रहे हैं।
आपको बता दें कि यह वही सरफराज फिरदौसी है जिनके खिलाफ पूर्व में अवैध शराब छोड़ने के ऐवज में 2 लाख रुपए की घुस लेने का आरोप भी लग चुका है।
साथ ही पुलिस वालों द्वारा ऐसा किया जाना एक सवालिया निशान उठता है की ये पुलिस वाले हैं या दलाल..?
कब मिलेगा पीड़ित को न्याय..?
अपराध दर्ज होने के काफी दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं और अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। आखिर इतने दिनों के बाद भी कोतवाली पुलिस आरोपियों को कैसे नही पकड़ पाई है जबकि अपराधी कहीं बाहर के नही बल्कि अम्बिकापुर के ही है।
पुलिस अधीक्षक सरगुजा से लगाई गुहार
अपने आवेदन में किसी भी प्रकार की कार्रवाई ना होते देख परिजन द्वारा जिले के कप्तान नए पदस्थ एसपी अमित तुकाराम कांबले से शिकायत की जिसपर पुलिस अधीक्षक सरगुजा ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
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