प्रतापपुर :- सूरजपुर जिले के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत दरहोरा बीट में 10 दिन पूर्व मृत नर हाथी का शनिवार को 3 सदस्यीय पशु चिकित्सक दल ने पीएम किया। इस दौरान पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ पीवी नरसिंह राव व आला अधिकारी मौजूद थे। पीसीसीएफ राव ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद रिपोर्ट देर शाम तक मिलेगी, उसके बाद ही स्पष्ट बताया जा सकेगा।
उन्होनें हाथी के दोनों दांत चोरी होने पर डॉग स्क्वायड द्वारा पकड़े गए एक संदिग्ध से पूछताछ किये जाने की बात कही है। साथ ही हाथी के मरने की जानकारी विभाग को विलंब से मिलने की बात पर उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में हाथी विचरण की मॉनिटरिंग और सशक्त होगी।
गौरतलब है कि शुक्रवार को प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के दरहोरा बीट के कक्ष क्रमांक 101 में एक हाथी के शव मिलने की जानकारी ग्रामीणों ने विभाग को दी थी। इसकी सूचना पर प्रतापपुर रेंजर पीसी मिश्रा सबसे पहले मौके पर पहुंचे। उन्होनें चर्चा में बताया था कि हाथी की मौत संभवत: 10 दिन पूर्व हुई है, हाथी नर दंतैल है, जिसके दोनों दांत गायब है।
इसकी जानकारी वन विभाग के उच्चाधिकारियों को दिए जाने के बाद शुक्रवार को पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ के निर्देश पर शव का पोस्टमार्टम रोक दिया गया और अचानकमार टाइगर रिजर्व से डॉग स्क्वायड को बुलाकर दांत चोरी की छानबीन शुरू कर दी गई थी।
शनिवार को वाइल्ड लाइफ पीसीसीएफ पीवी नरसिंह राव, सीसीएफ अनुराग श्रीवास्तव व सूरजपुर डीएफओ डीपी साहू घटनास्थल पहुंचे और उनकी मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम किया गया।
हाथी विचरण की मॉनिटरिंग और सशक्त बनाएंगे
हाथी के शव का पोस्टमार्टम डॉ. एमके पांडेय, डॉ. विजय शरण सिंह, डॉ शंभु पटेल सहित रमकोला रेस्क्यू सेंटर के चिकित्सक की टीम ने किया। पोस्टमार्टम के बाद चर्चा के दौरान पीसीसीएफ नरसिंह राव ने बताया कि देर शाम तक रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कह पाना संभव हो पाएगा।
मृत हाथी के दोनों दांत चोरी होने के संबंध में उन्होनें बताया कि इसके लिए डॉग स्क्वाड दल लगातार सर्चिंग कर रहा है। इस दौरान एक संदिग्ध की जानकारी मिली है, जिससे वन अमला पूछताछ कर रहा है, जल्द ही इस पर खुलासा होने की संभावना है। मृत हाथी के शव की जानकारी विभाग को 10 दिन बाद मिलने की बात पर उन्होंने कहा कि हाथियों के विचरण की मॉनिटरिंग विभाग द्वारा लगातार की जा रही है।
कुछ मामलों में यदि जानकारी विलंब से मिली है तो इसके लिए हमारा प्रयास है कि मॉनिटरिंग को और सशक्त बनाएं। मॉनिटरिंग को बेहतर करने के लिए निर्देश भी जारी करूंगा। मृत हाथी किस दल का था, इस संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी हाथियों की गिनती कराई जाएगी, उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
आकाशीय बिजली के मिले पर्याप्त सबूत
पोस्टमार्टम करने गए चिकित्सक दल के प्रमुख डॉ. एमके पांडेय ने बताया कि हाथी के शव के कान के पास आकाशीय बिजली के निशान हैं। इसके अलावा हाथी का पूरा खून सूख चुका है। साथ ही शरीर का हिस्सा भी जला है। इसके अलावा घटनास्थल के आसपास पेड़ के जलने व सूखने के निशान मिले हैं।
उन्होनें बताया कि नर दंतैल की उम्र लगभग 35-40 वर्ष थी, उसके दोनों दांत निकाले गए हैं, जिसकी लंबाई लगभग 50-55 सेमी हो सकती है। पीएम करने के बाद शव को दफना दिया गया है।
एक ही रेंजर के कार्यकाल में 7 हाथियों की मौत
फिलहाल वन परिक्षेत्र प्रतापपुर रेंज की कमान रेंजर पीसी मिश्रा के हाथों में है। उनके कार्यकाल में वन परिक्षेत्र में 7 हाथियों की मौत हो चुकी है। अधिकांश मामलों में रेंजर को भनक तक नहीं लगती है कि किसी हाथी की मौत हो चुकी है। यहां तक की उनके मातहत भी इस प्रकार की घटना से बेखबर होते हैं।
ग्रामीणों द्वारा सूचना दिए जाने के बाद ही उन्हें पता चलता है कि हाथी का शव सड़-गल चुका है। ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि रेंजर व उनके मातहत आखिर कहां ड्यूटी करते हैं, जब उन्हें हाथियों के संबंध में ही जानकारी नहीं होती है।