छत्तीसगढ़
समरेश प्रजापति
कोरोना संक्रमण के दौरान प्राइवेट स्कूल संचालकों द्वारा ऑनलाइन क्लास शुरु किया गया था, ऑनलाइन पढ़ाई कराने निजी स्कूलों के द्वारा अभिभावकों पर भी लगातार दबाव बनाया जा रहा था। मामला निजी स्कूलों द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर बच्चों के अभिभावकों से फीस वसूली करने का था । ऑनलाइन पढ़ाई कराने का विरोध अभिभावक संघ पहले से ही करता रहा था
उनका कहना था कि मोबाइल पर लगातार 4 घंटे पढ़ाई से बच्चों की आंखें, मस्तिष्क व स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ेगा। इसकी शिकायत उन्होंने कलक्टर से की थी। इसके बावजूद कुछ निजी स्कूल मनमानी पर अड़े थे और ऑनलाइन क्लास ले रहे थे। शुक्रवार को एक बार फिर इसी बात को लेकर अभिभावक संघ कलक्टर से मिला।
कलक्टर के निर्देश पर डीईओ ने निजी स्कूलों को एक पत्र जारी किया, जिसमें उन्हें ऑनलाइन क्लास आगामी आदेश तक स्थगित करने आदेशित किया गया है। इसका उल्लंघन करने वाले संस्थान के खिलाफ मान्यता समाप्ति की कार्रवाई भी की जा सकती है।
ऑनलाइन क्लास के नाम पर अभिभावकों व बच्चों पर निजी स्कूलों द्वारा डाले जा रहे दबाव का विरोध शुरु से ही अभिभावक संघ कर रहा था। उनकी ये मेहनत रंग लाई और निजी स्कूलों के ऑनलाइन क्लास लेने पर रोक लगा दी गई। सरगुजा डीईओ आईपी गुप्ता ने निजी स्कूलों को जारी आदेश में कहा है कि-
1. शालेय वार्षिक शुल्क का निर्धारण विद्यालय द्वारा गठित समिति, जिसमें अभिभावक अनिवार्य रूप से शामिल हों, से अनुमोदन उपरांत ही किया जाए।
2.स्थानांतरण प्रमाण पत्र प्रदान करते समय विगत शैक्षणिक सत्र तक का ही फीस लिया जाए।
3. वर्तमान शैक्षणिक सत्र के शुल्क भुगतान हेतु अभिभावकों पर दबाव न डाला जाए, न ही कोई संदेश व्हाट्सएप के माध्यम से प्रसारित किया जाए।
4. जूम एप्प के माध्यम से ली जाने वाली कक्षाएं आगामी आदेश तक पूर्ण रूप से स्थगित किए जाए।