कोरोना की दवा भारत में लॉन्च,,, जाने कहां और कैसे मिलेगी डीआरडीओ की दवा, मरीजों को कैसे दी जाएगी? जानिए सबकुछ….

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कोरोना महामारी के खिलाफ अहम लड़ाई में भारत को एक और बड़ा हथियार मिल गया है, जिसका नाम 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) है। यह एक कोरोना रोधी दवा है, जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी डीआरडीओ ने बनाया है। ये दवा एक पाउडर के रूप में है। इस दवा को बनाने में लगभग एक साल का समय लगा है। सोमवार को इस दवा को अस्पतालों और आम लोगों के लिए जारी कर दिया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इसे लॉन्च किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दवा को सबसे पहले दिल्ली के डीआरडीओ कोविड अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों को दिया जाएगा।

क्या कोरोना पर इस ‘हथियार’ से विजय संभव है?

डीआरडीओ और सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, यह दवा (2-डीजी) अस्पताल में भर्ती मरीजों की तेजी से रिकवरी करने में मदद करती है और बाहरी ऑक्सीजन की निर्भरता को कम करती है। चूंकि कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में कोरोना मरीजों की ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है, जिसकी वजह से ऑक्सीजन की भारी किल्लत भी देखने को मिली है। ऑक्सीजन की कमी से काफी लोगों की जान भी चली गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि यह दवा कोरोना संक्रमित मरीजों की जान बचा सकती है।

कोरोना मरीजों को कैसे दी जाएगी दवा?

डीआरडीओ के मुताबिक, यह दवा पाउडर के रूप में पाउच में है, जिसे पानी में घोलकर कोरोना मरीजों को दी जाएगी। डीआरडीओ के प्रमुख जी. सतीश रेड्डी ने बताया कि यह दवा कोरोना वायरस से संक्रमित कोशिकाओं पर सीधा काम करेगी। शरीर का इम्यून सिस्टम काम करेगा और मरीज जल्दी ठीक होगा। इसे मरीज के वजन और डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन के आधार पर कम से कम 5-7 दिन सुबह-शाम दो डोज लेनी है। ध्यान रहे कि यह दवा फिलहाल अस्पतालों में डॉक्टर की सलाह पर ही मरीजों को दी जाएगी।

कहां और कितने लोगों पर किया गया है दवा का ट्रायल?

पिछले साल अप्रैल में इस दवा के पहले चरण का ट्रायल किया गया था, जिसमें पाया था कि यह दवा कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोकती है। इसी के आधार पर दूसरे चरण का ट्रायल किया गया, जिसमें 110 मरीजों को शामिल किया गया था। दूसरे चरण में छह अस्पतालों में ट्रायल किया गया, इसके बाद देशभर के 11 अस्पतालों में फेज II B (डोज रैंगिंग) क्लीनिकल ट्रायल किया गया था। फिर देशभर के 27 अस्पतालों में इस दवा का आखिरी ट्रायल किया गया था, जिसमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों के अस्पताल शामिल हैं। यह ट्रायल 220 मरीजों पर किया गया था।

क्या बाजार में भी मिल जाएगी यह दवा?

फिलहाल इस दवा को केवल आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है। इसलिए जब तक इस दवा को सामान्य इस्तेमाल के लिए मंजूरी नहीं मिल जाती है, तब तक यह बाजार में उपलब्ध नहीं हो पाएगी। यही वजह है कि इसकी कीमत का भी खुलासा अभी नहीं किया गया है। डीआरडीओ के प्रमुख जी. सतीश रेड्डी ने कहा, ‘अभी सप्ताह में 10,000 के आसपास इस दवा का कुल उत्पादन होगा। आज एम्स, आर्म्स फोर्सेज मेडिकल कॉलेज और डीआरडीओ अस्पतालों में दे रहे हैं। बाकी राज्यों को अगले चरण में देंगे।अभी थोड़ी देरी है। जून के पहले हफ्ते से सभी जगहों पर 2-DG दवा उपलब्ध होगी।’

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