नई दिल्ली :- दिल्ली से यात्रियों को लेकर उत्तराखंड के टनकपुर पहुंची पूर्णागिरि जनशताब्दी एक्सप्रेस अचानक उल्टी दौड़ पड़ी। घटना का पता चलते ही रेलवे विभाग में हड़कंप मच गया। आनन फानन अलर्ट जारी करते हुए टनकपुर से खटीमा तक फाटकों को बंद कराया गया। करीब 24 किमी उल्टी दौड़ी ट्रेन को खटीमा से पहले लालकोठी के पास किसी तरह रोका गया। इस दौरान यात्रियों की जान हलक में आ गई थी।ट्रेन में घटना के वक्त सवार सभी यात्री सुरक्षित हैं और उन्हें सड़क मार्ग से गंतव्य को भेज दिया गया। घटना की जांच के लिए जेए ग्रेड के तीन अधिकारियों की कमेटी गठित की गई है। बताया गया कि टनकपुर स्टेशन से एक किमी पहले होम सिग्नल के पास गाय के ट्रेन की चपेट में आने के बाद ट्रेन रुकी और अचानक पीछे की ओर दौड़ने लगी। इसके बाद सवारियों और रेलवे विभाग में हड़कंप मच गया। रेलवे के इज्जतनगर मंडल के पीआरओ राजेंद्र सिंह ने बताया कि घटना के वक्त ट्रेन में कितने यात्री थे इसका अभी सही सही पता नहीं चल पाया है। हालांकि, सभी यात्री सुरक्षित हैं।
बुधवार को दिल्ली से पूर्णागिरि जनशताब्दी एक्सप्रेस (505326) शाम करीब चार बजे यात्रियों को लेकर टनकपुर आ रही थी कि स्टेशन से एक किमी पहले होम सिग्नल के पास एक गाय के चपेट में आने से ट्रेन रुक गई और कुछ क्षण बाद ट्रेन अचानक उल्टी दौड़ने लगी। लोको पायलट ने तुरंत इसकी सूचना दी तो रेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। सुरक्षा के दृष्टिगत हाई अलर्ट जारी करते हुए टनकपुर से खटीमा तक के सभी रेलवे क्रॉसिंग फाटकों को बंद कराया गया। टनकपुर से सात किमी दूर बनबसा स्टेशन पर ट्रेक पर पत्थर डालकर ट्रेन रोकने की कोशिश की गई, लेकिन ट्रेन पत्थरों को तोड़ती हुई आगे बढ़ गई।इससे पहले कि कोई बड़ा हादसा होता चकरपुर-खटीमा के बीच गेट संख्या 35 सी पर लाइन पर मिट्टी और बजरी डालकर किसी तरह ट्रेन को रोका गया। इज्जतनगर मंडल के पीआरओ राजेंद्र सिंह ने बताया कि रेल प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। जांच में दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पीआरओ ने बताया कि ट्रेन में सवार सभी यात्री सुरक्षित हैं।
बता दें कि उत्तराखंड में सीमांत के लोगों के लिए पूर्णागिरि जनशताब्दी एक्सप्रेस का संचालन 26 फरवरी से हुआ था। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने वर्चुअल माध्यम से दोपहर 1:25 बजे टनकपुर स्टेशन से इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।