प्रशान्त कुमार पांडेय
विश्रामपुर :- मिशनरियों द्वारा धर्मांतरण का एक ऐसा अनूठा तरीका निकाला है जिसने शिक्षा के मंदिर को भी कलंकित कर दिया है। हम सभी अपने बच्चों को शिक्षा के मंदिर में शिक्षा लेने भेजते है और धार्मिक ज्ञान के लिए अपने अपने धार्मिक संस्थानों में लेकिन एक ऐसा मामला सामने आया है जो बेहद ही शर्मनाक और तुच्छ मानसिकता को दर्शाता है। आपको बता दें कि ईसाई मिशनरियों द्वारा लोगों को आए दिन तरह तरह के लालच प्रलोभन आदि देकर लोगो को अपने धर्म में परिवर्तित तो कराया जाता ही है परंतु ईसाई मिशनरियों ने शिक्षा के मंदिर के आढ़ मे भी धर्म परिवर्तन का घिनौना कार्य शुरू कर दिया है।
हाल ही में मामला सामने आया है जो की विश्रामपुर के कार्मेल कॉन्वेंट स्कूल का है जहां बच्चों के दिमाग में ईसाई मिशनरियों द्वारा ईसाई धारना को पैदा करने की एक घिनौनी साजिश रची जा रही है, यहां धर्म शिक्षा के नाम पर केवल ईसाई धर्म की शिक्षा दी जा रही है। मामला तब प्रकाश मे आया जब ऑनलाईन परीक्षा के दौरान धर्म शिक्षा विषय के प्रश्न पत्र में केवल ईसाई मिशनरियों के संस्कारों से जुड़े प्रश्नों को ही पूछा गया। धर्म शिक्षा विषय में केवल ईसाई धर्म को ही पढ़ाना कहां तक उचित है जबकि दूसरे धर्म के बच्चे भी उसी कक्षा में पढ़ते हो। विद्यालय प्रशासन द्वारा बच्चो को जबरन ईसाई धर्म को पढ़ाया जा रहा है और अपने धर्म का बीज बचपन से ही इन भोले भाले बच्चों के मन में बोया जा रहा है।
धार्मिक समानता का अधिकार
हमारे देश में धार्मिक समानता का अधिकार है परंतु ये कैसी समानता है जिसमे केवल ईसाई अपने धर्म के बारे में बच्चों को पढ़ाया जा रहा हैं और दूसरे धर्म का एक प्रश्न भी इस प्रश्न पत्र में नही है । क्या ये सोची समझी और धर्म परिवर्तन के लिए किया गया कू -कृत्य नही है??
ऐसे में सवाल उठता है धर्म शिक्षा नाम के विषय में केवल ईसाई धर्म की ही शिक्षा क्यों..?? शेष बाकी धर्मो का उल्लेख क्यों नहीं हैं?? अब ऐसे में सवाल यह भी उठता है की क्या इन ईसाई स्कूलों में विदेशी फंडिंग का मुख्य उद्देश धर्म परिवर्तन करना तो नही है..?? क्या ये अपनी धार्मिक शिक्षा के नाम पे भोले भाले बच्चों के दिमाग में अपनी धर्म को तो नही डाल रहे हैं। नही तो धर्म शिक्षा के नाम पर केवल एक धर्म को पढाना कहां का न्याय है। अगर मिशनरियों को अपने धार्मिक ज्ञान की पढ़ाना है तो वे उसे अपने चर्च में क्यों नहीं पढ़ाते जहां केवल मिशनरी लोगो के ही लोग होते हैं । इसके विपरित स्कूलों में किसी धर्म विशेष की शिक्षा देना जहां सभी धर्म के बच्चे एक साथ पढ़ते हो सरासर ग़लत हैं।
हिन्दू जागरण मंच ने कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन
धर्म जागरण सह विभाग संयोजक सूरजपुर श्री मनोज पाण्डेय द्वारा कल कलेक्टर सूरजपुर से मुलाकात कर मामले से अवगत कराया गया साथ ही ज्ञापन सौंपा गया जिसमे उन्होंने कार्मेल स्कूल द्वारा हिंदुओ कि भावनाओं को आहत पहुंचाने की बात कही साथ ही 72 घंटे में कोई कार्यवाही ना होने की स्थिति में विद्यालय घेराव तथा उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी।