हरियाणा :- हरियाणा स्वास्थ्य विभाग में की गई शिकायत पर बुधवार को गांव बिंझौल में चल रहे नशा मुक्ति केंद्र पर छापा मारा गया। इस नशा मुक्ति केंद्र को बिना पंजीकरण संचालित किया जा रहा था। पांच घंटे की कार्रवाई के बाद स्वास्थ्य विभाग ने यहां से 37 युवाओं को मुक्त कराया। स्वास्थ्य विभागीय के अधिकारियों ने बताया कि युवकों को वजन लेकर खड़ा रखा जाता था, नंगा कर यौन प्रताड़ना दी जाती थी और कमरे में बंद कर दिया जाता था और बेरहमी से पीटा जाता था।
गांव बिंझौल में रजवाहे के पास नई किरण नशा मुक्ति केंद्र हैं। करनाल निवासी एक युवक ने इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग चंडीगढ़ में की थी जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय से आदेश आने के बाद सिविल सर्जन डॉ. संतलाल वर्मा, एसडीएम पानीपत एस रवींद्र पालिट और जिला समाज कल्याण विभाग अधिकारी सत्यवान ढिलौड टीम के साथ बुधवार की सुबह 11 बजे नई किरण नशा मुक्ति केंद्र पहुंचे और छापा मारा।
इसके साथ पुलिस बुलाई गई। यह कार्रवाई शाम चार बजे तक चली। टीम ने मौके से केंद्र में कार्यरत दो कर्मियों किशनपुरा निवासी अंकित और जौरासी निवासी नरेंद्र को पुलिस के हवाले किया। वहीं केंद्र का संचालक विकास नगर निवासी संजय और जिस मकान में केंद्र चल रहा था, उसका मालिक दिलबाग छापा पड़ने की सूचना मिलते ही भाग गए।
डॉ. संतलाल वर्मा, सिविल सर्जन पानीपत ने बताया कि हमें छापामारी कर वहां से रिकॉर्ड और कुछ दवाइयों को कब्जे में लिया है। इनकी जांच की जा रही है। युवकों का कहना है कि उनसे यहां पर अमानवीय व्यवहार किया जाता था। ये केंद्र पूरी तरह से अवैध तरीके से बनाया गया था। फिलहाल सभी युवकों को सिविल अस्पताल में रखा गया है। पुलिस में आरोपियों के खिलाफ शिकायत दे दी गई है।