नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय रेलवे के डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के एक हिस्से का किया उद्घाटन। पीएम मोदी ने सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रेलवे के सबसे बड़े ड्रीम प्रोजेक्ट की शुरुआत की। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहे।
5750 करोड़ रुपये में बना 351 KM का हिस्सा
इस कॉरिडोर को करीब 5 हजार 750 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। कानपुर के पास न्यू भाऊपुर और न्यू खुर्जा के बीच बने इस कॉरिडोर की लंबाई 351 किलोमीटर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस्टर्न कॉरिडोर के सेक्शन के साथ-साथ प्रयागराज में बने कंट्रोल रूम का भी उद्घाटन करेंगे। देश का यह सबसे भव्य डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का कंट्रोल रूम होगा।
क्या होगा इस कॉरिडोर से फायदा
भारतीय रेलवे के डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के उद्घाटन से यात्री ट्रेनों के लिए ट्रैक खाली होगा, जिससे और गाड़ियों को चलाया जा सके। इसके साथ ही इस कॉरिडोर पर मालगाड़ियां 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर चल सकेंगी।
1856 KM है कॉरिडोर की कुल लंबाई
ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की कुल लंबाई 1856 किलोमीटर है, जो पंजाब के लुधियाना और पश्चिम बंगाल के दंकुनी तक है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से गुजरने वाले इस कॉरिडोर से व्यापार को एक नई दिशा मिलेगी। कई राज्यों से होकर गुजरने वाले इस कॉरिडोर का करीब 57 प्रतिशत हिस्सा यूपी से होकर गुजरेगा।