सूरजपुर :- पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री आज सूरजपुर जिले के ग्राम लटोरी में आयोजित पेशा कानून के संबंध में सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों से परिचर्चा की। परिचर्चा के दौरान स्कूल शिक्षा मंत्री डाॅ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, संसदीय सचिव एवं स्थानीय विधायक श्री पारसनाथ राजवाड़े, लुंड्रा विधायक डाॅ. प्रीतम राम, जनप्रतिनिधि, समाज प्रमुख सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
पेशा कानून के संबंध में सभी विकासखंड से आए आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों से बिंदुवार परिचर्चा कर सुझाव आमंत्रित किया गया जिसमें प्रमुख रुप से ग्राम सभा, ग्राम सभा में पंचायत की भूमिका, ग्राम सचिव, ग्राम सभा में निर्णय, ग्राम सभा का अध्यक्ष, बैठक की गणपूर्ति, बैठक की कार्यवाही, ग्राम सभा बैठक आयोजन की कार्यवाही, ग्राम सभा की स्थाई समितियां, ग्राम सभा के नियम पर आपत्ति, ग्राम सभा की संयुक्त बैठक, ग्रामसभा कोष, ग्राम सभा द्वारा विवाद समाधान के परंपरागत प्रथा, ग्राम सभा द्वारा सामुदायिक संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण, ग्राम सभा द्वारा क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए योजनाओं का क्रियान्वयन, कार्यक्रमों और परियोजनाओं का अनुमोदन, ग्राम सभा द्वारा गरीबी उन्मूलन एवं अन्य कार्य कार्यक्रमों के हितग्राहियों का चयन, विकास परियोजनाओं के लिए अनुसूचित क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण एवं प्रभावित व्यक्तियों के लिए पुनर्वास करने से पहले ग्राम सभा का परामर्श, परियोजना से प्रभावित व्यक्तियों का पुनर्वास, अनुसूचित क्षेत्रों में लघु जल निकाय की योजना और प्रबंधन उचित स्तर पर पंचायत को सौंपने संबंधी उपबंध, अनुसूचित क्षेत्रों में गौण खनिजों के लिए सर्वेक्षण लाइसेंस या खनन पट्टे प्रदान करने से पहले उचित स्तर पर ग्राम सभा या पंचायतों की अनुमति को अनिवार्य किए जाने के संबंध में, नीलामी द्वारा गौण खनिजों के दोहन के लिए रियायत प्रदान करने के लिए उपयुक्त स्तर पर ग्राम सभा या पंचायतों की पूर्व सिफारिश अनिवार्य किए जाने के संबंध में, किसी भी नशीले पदार्थ की बिक्री और खपत को विनियमित करने या प्रतिबंधित करने की शक्ति के संबंध में, लघु वनोपज का स्वामित्व, अनुसूचित क्षेत्र में भूमि के अतिक्रमण को रोकने और अनुसूचित जनजाति की किसी भी अवैध रूप से अतिक्रमण भूमि को पुर्नस््थापित करने के लिए उचित करवाई करने की शक्ति के संबंध में, अनुसूचित जनजातियों को धन उधार पर नियंत्रण की शक्ति के संबंध में, बाजार नियंत्रण की शक्ति, सामाजिक क्षेत्र के सभी संस्थानों कर्मचारियों पर नियंत्रण की शक्ति, श्रम शक्ति, अंधविश्वास जादू टोना जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई चर्चा उपरान्त सभी 19 ब्लाकों के प्रतिनिधियों से लिखित सुझाव आमंत्रित किया गया।
पेसा कानून के संबंध में परिचर्चा में शामिल होने आए पंचायत मंत्री श्री टी एस सिंहदेव ने सभी आदिवासी समाज प्रतिनिधियों से परिचर्चा कर सुझाव आमंत्रित किए तथा उन्होंने कहा कि हमारे कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में पेषा कानून को शामिल किया था जिससे आदिवासियों को उनका नैसर्गिक अधिकार प्राप्त हो सके। हमारी प्राथमिकता निचले स्तर को जोड़ना है जिससे उनका अधिकार प्राप्त हो सके। उन्होंने प्रतिनिधियों से परिचर्चा कर सभी विषयों पर गंभीरता से विचार करते हुए सषक्त कानून बनाने के लिए सर्व सहमति से सुझाव आमंत्रित किया तथा ग्रामसभा को अधिक से अधिक अधिकार प्रदान करने की बात कही। समाज के प्रतिनिधियों ने बड़ी स्पष्टता से अपने -अपने सुझाव रखी। पंचायत मंत्री ने धारा 170 ख के संबंध में कहा कि संस्कृति ,जल जंगल जमीन आपकी है उसको बचाना मेरा धर्म है और इसका अधिकार आपको मिले इसका शत-प्रतिशत पक्षधर हूं। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज जागरूक है संवेदनशील भी। हम सब मिलकर सशक्त और मजबूत पेसा कानून बनाएंगे तथा इस बात का उन्होंने मंत्रिमंडलीय समिति में रखने की बात कही।
पेशा कानून के परिचर्चा में शामिल होने आए स्कूल शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि जो सुझाव आए हैं आपकी अच्छी पहल है जिससे राज्य में सशक्त पेशा कानून बनेगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि पारंपरिक संस्कृति, रीति रिवाज के आधार पर पेसा कानून बनाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं इसे सभी से सुझाव लेकर वास्तविक धरातल पर उतारा जाएगा जिससे आदिवासियों को वास्तविक अधिकार मिल सके। आदिवासियों के लिए बेहतर कानून बने इसमें आपकी भागीदारी की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। हम आपके सुझाव को मॉडल पेसा कानून बनाएंगे तथा बस्तर से लेकर सरगुजा के आदिवासियों के लिए इस कानून के माध्यम से न्याय दिलाएंगे।