आचार्य डॉ अजय दीक्षित
गोंडा:- विवाह की रस्मों को पूरा किए बिना दुल्हन कभी मंडप से विदा नहीं होती, लेकिन उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में ऐसा पहली बार देखने को मिला है जहां दुल्हन अपने दूल्हे को मंडप में छोड़कर खुद नौकरी की काउंसलिंग में पहुंच गई। मंडप में बैठी दुल्हन की मांग में सुबह 4 बजे जैसे ही दूल्हे राजा ने सिंदूर भरा, वैसे ही दुल्हन मंडप छोड़कर नौकरी की काउंसलिंग के लिए चली गई । काउंसलिंग के बाद उसे सरकारी नौकरी मिल गई और वापस आकर खुशी-खुशी दुल्हन विदा हुई। हम आपको बताते चलें कि यह मामला जनपद गोंडा के रामनगर का है। बाराबंकी की रहने वाली प्रज्ञा तिवारी की शादी वाले दिन ही उनकी टीचर पद की काउंसलिंग होनी थी। रातभर शादी की रस्में संपन्न हुईं, सुबह प्रज्ञा गोंडा बीएसए कार्यायल में चल रही टीचर पद की काउंसलिंग में पहुंच गईं। काउंसलिंग की शेड्यूल डेट फिक्स थी, इसलिए फेरों के बाद ही प्रज्ञा को कई रस्म छोड़कर काउंसलिंग के लिए जाना पड़ा। प्रज्ञा ने कहा, ‘मैं मेरे जीवनसाथी को बहुत लकी मानती हूं, क्योंकि उनकी जिंदगी में आने के बाद ही मुझे तुंरत नौकरी मिल गई।’ प्रज्ञा ने देश के सभी मां-बाप से अपील करते हुए कहा कि वह अपनी बेटियों को जरूर पढ़ाएं, जिससे वह आत्मनिर्भर बन सकें। प्रज्ञा ने अपनी इस उपलब्धि के लिए अपने माता-पिता को श्रेय दिया है। बीएसए ने भी प्रज्ञा को नौकरी मिलने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह बड़ी बात है कि कल शादी हुई और आज नौकरी लग गई। प्रज्ञा काउंसलिंग करा कर वापस बाराबंकी चली गई हैं।