पुलिस हिरासत में हुई JE की हत्या या आकस्मिक मौत..?? पुलिस को सवालों के घेरे में लाता परिजनो का आरोप..!!!

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लटोरी :- आज एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसमें हत्या के संदेह में पूछताछ किए जा रहे जूनियर इंजीनियर की मौत हो जाती है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस की पिटाई से उसकी मौत हुई है जबकि पुलिस प्रशासन का कहना है कि आरोपी नशे की हालत में था और पूछताछ के दौरान ही उसकी हालत खराब थी जिसे देखते हुए पुलिस द्वारा उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लटोरी में भर्ती कराया गया था जहां पेशाब को जाते समय सुबह 4 बजे हार्ट अटैक आने से उसकी मौत हो गई।

प्राप्त जानकारी के अनुसार हरिशचंद राजवाड़े की लाश सोमवार सुबह पावर हाउस करवा के बाहर मिली थी जिसकी हत्या के संदेह में JE पूनम कतलाम और विजय विश्वकर्मा नामक व्यक्ति से पुलिस द्वारा पूछताछ की जा रही थी। जिसके बाद सोमवार की शाम को JE की हालत खराब हो जाती हैं और मंगलवार की सुबह उसकी मौत हो जाती है। और परिजनो का आरोप हैं कि पुलिस की मारपीट से उसकी मौत हुई है।


वही चौकी प्रभारी सुनील सिंह का कहना है कि जूनियर इंजीनियर पूनम सिंह कतलाम को उन्होंने अपनी हिरासत में नहीं लिया था। बल्कि उससे पूछताछ पावर हाउस में ही किया गया था जहां उसने और विजय विश्वकर्मा द्वारा हत्या की बात कबूल कर लिया था।
वहीं एक अन्य आरोपी विजय के परिजनों का कहना है कि पुलिस द्वारा सोमवार को उन्हें बुलाया गया था और उनका बयान भी लिया गया था परिजनो द्वारा JE से मुलाकात करने की बात बोली गई तो पुलिस द्वारा बताया गया कि उन्होंने पूनम सिंह कतलाम की पीटाई की है और उसकी हालत खराब होने के कारण उसे स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया गया है। मंगलवार की सुबह जब विजय के परिजनो द्वारा पुलिस से कतलाम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उसकी हृदय गति रुक जाने से मृत्यु हो गई है और पुलिस द्वारा कतलाम से मार पीट किए जाने की बात को सिरे से नकार दिया गया है।

जूनियर इंजीनियर के शरीर में चोट के निशान भी मिले हैं जिसके कारण पुलिस द्वारा मारपीट किए जाने की बात को साफ तौर पर नकारा भी नहीं जा सकता है। उनके शरीर पर लगी चोट के निशान पुलिस को सवालों के घेरे में लाती है क्योंकि हरिशचंद राजवाड़े की हत्या के आरोप में अन्य 3 आरोपियों को भी हिरासत में लिया गया है लेकिन उनके शरीर पर किसी भी प्रकार की चोट के निशान नहीं है जबकि मृतक पूनम सिंह कतलाम के शरीर में चोट खरोच के निशान मिले हैं। उनके आंखों में भी चोट के निशान थे इसके बारे में जब हमारे संवाददाता द्वारा चौकी प्रभारी और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रमुख से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पूनम कतलाम की आंखों में कोई कीड़ा घुस गया था जिसके कारण काले घेरे बन गए हैं जबकि जब चोट के बारे पुलिस अधीक्षक राजेश कुकरेजा से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मर्डर के वक्त आपसी मारपीट में उनके चेहरे पर चोट लग गई थी।

पुलिस अधीक्षक व चौकी प्रभारी दोनों के बयानों में अंतर मामले को दूसरे नजरिए से देखने को मजबूर करता है। खैर मामला जो भी हो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि पुरन कतलाम की हत्या हुई है या आकस्मिक मौत???

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