नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अर्णब गोस्वामी एवं दो अन्य आरोपियों नीतीश शारदा और प्रवीण राजेश सिंह को 50000 के बांड पर अग्रिम जमानत दे दी है। कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को जमानत के आदेश पर तत्काल अमल लाने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी की ओर से दायर अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। खुदकुशी के लिए उकसाए जाने के आरोप मामले में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की बेंच ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर कोर्ट इस केस में दखल नहीं देता है, तो वो बर्बादी के रास्ते पर आगे बढ़ेगा। कोर्ट ने कहा कि ‘आप विचारधारा में भिन्न हो सकते हैं लेकिन संवैधानिक अदालतों को इस तरह की स्वतंत्रता की रक्षा करनी होगी वरना हम विनाश के रास्ते पर चल रहे हैं। अगर हम एक संवैधानिक अदालत के रूप में कानून नहीं बनाते और स्वतंत्रता की रक्षा नहीं करते हैं तो कौन करेगा?’
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि ‘हो सकता है कि आप उनकी (अर्णब) विचारधारा को पसंद नहीं करते। मुझ पर छोड़ें, मैं उनका चैनल नहीं देखता लेकिन अगर हाईकोर्ट जमानत नहीं देती है तो नागरिक को जेल भेज दिया जाता है। हमें एक मजबूत संदेश भेजना होगा। पीड़ित निष्पक्ष जांच का हकदार है। जांच को चलने दें, लेकिन अगर राज्य सरकारें इस आधार पर व्यक्तियों को लक्षित करती हैं तो एक मजबूत संदेश को बाहर जाने दें।’