शुभम शुक्ला रायपुर
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने गुरुवार को लगातार दूसरे दिन आयोग कार्यालय में रायपुर जिले के पंजीकृत प्रकरणों की सुनवाई की। दो दिनों में आयोग में कुल 38 प्रकरणों की सुनवाई की गई। यह प्रकरण मुख्य रूप से पति-पत्नी विवाद, दैहिक शोषण, मारपीट, प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, कार्यस्थल पर प्रताड़ना, घरेलू हिंसा से सम्बंधित थे।सुनवाई नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन करते हुए की गयी। कुछ प्रकरणों में पक्षकार के उपस्थिति नहीं होने पर अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित की गई है।
आयोग से समक्ष सुनवाई के लिए बिना तलाक लिए दूसरी शादी का मामला आया। जिसमें आवेदिका ने अपने पति पर दूसरी औरत के साथ विवाह करके साथ रहने की शिकायत की। प्रकरण में अध्यक्ष डॉ नायक ने कहा कि बिना तलाक दूसरी शादी करना गैरकानूनी है, तलाक लिए बिना किसी अन्य महिला के साथ संबंध मान्य किए जाने योग्य नहीं हैं।
अध्यक्ष ने आगामी तिथि में आवेदिका को अपने दोनों बच्चों और अनावेदक को दूसरी पत्नी को लेकर आवश्यक रूप से आयोग के समक्ष उपस्थित होने निर्देशित किया है। इसी तरह एक अन्य प्रकरण में आवेदिका को बहू द्वारा प्रताड़ित करने की शिकायत पर दोनों पक्षो को बुलाकर निराकरण किया गया। एक अन्य प्रकरण में आयोग के न्यायालीन क्षेत्राधिकार में स्पष्टतः झूठा और धोखाघड़ी का मामला सामने आया। प्रकरण में तेलीबांधा रायपुर के थाना प्रभारी को आहूत कर अनावदेक के खिलाफ धारा 420 के तहत अपराध दर्ज कर कस्टडी में लेने के निर्देश दिए गए। इसी प्रकार आयोग के समक्ष घरेलू हिंसा से प्रताड़ित करने का मामला आया। इसमें दोनों पक्षांे को बुलाकर समझाया गया। समझाइश के बाद उभयपक्ष ने रजामंदी दी और अनावेदक द्वारा आवेदिका को पत्नि के सम्पूर्ण अधिकार एवं सम्मान के साथ रखने की सहमति दी गई।