अगर एसडीएम तहसीलदार भी देंगे भू माफियाओं का साथ तो कैसे लगेगी भूमि अतिक्रमण पर लगाम

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पप्पू बैगा
कोरिया जिले का दूरस्थ वनांचल क्षेत्र के तहसील भरतपुर का मुख्यालय ग्राम पंचायत जनकपुर का है जहां जनकपुर के पुराना बस स्टैंड स्थित पुराना ग्राम पंचायत भवन के तीन तरफ सड़क होने के कारण पंचायत की आमदनी बढ़ाने के लिए पंचायत द्वारा 10 दुकानों का निर्माण कराकर किराया पर दिया था। इनमे से एक किरायादार मोहनलाल आसुदानी पिता हसमत राय आसुदानी ने ग्राम पंचायत जनकपुर से दुकान क्रमांक 02, 04, 05, तीन कमरा को किराया मे लेकर अपने भाई राधामल जगवानी के साथ व्यवसाय शुरू किया। प्रारंभ मे कुछ वर्षों तक नियमित रूप से दुकान का किराया पंचायत को दे रहा था। इस बीच पंचायत के चुनाव मे जीतकर आने वाले कई सरपंचों से मित्रता व अच्छा सम्बन्ध होने की वजह से व्यवसायी मोहनलाल आसुदानी ने दुकान का किराया पंचायत को देना बन्द कर दिया।
वर्तमान सरपंच श्रीमती जयमनिया बाई ने अपने पिछलेे दो पंचवर्षीय के कार्यकाल मे लगातार कई नोटिश जारी कर दुकान का किराया पंचायत मे जमा करने को कहा गया, पर व्यावसायी मोहनलाल आसुदानी ने दुकान का किराया नहीं दिया। बल्कि पंचायत की दुकान व जमीन को हड़पने के लिए पक्का नव निर्माण करने मे जुटा हुआ है।

एसडीएम तहसीलदार ने भी नहीं सुनी गुहार
ग्राम पंचायत की सरपंच ने पुराना बस स्टैंड स्थित पुराना पंचायत भवन की सम्पत्ति को बचाने के लिए 13 अक्टूबर को एसडीएम भरतपुर एवं तहसीलदार भरतपुर को पत्र लिखकर निर्माण कार्य रोकने गुहार लगायी है। पर एक सप्ताह के बाद भी निर्माण कार्य पर रोक नहीं लग सका है। और आज सुबह बिना पंचायत की अनुमति लिए इन्होंने दुकान की छत की ढलाई भी करवा दी।जिससे स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। मोहनलाल द्वारा अवैध रूप से किए का रहे ईस निर्माण पर सरकारी अधिकारियों ला मौन रहना अत्यंत निंदनीय है,ऐसे भू माफियाओं पर कड़ी कार्यवाही कि जरूरत है पर फिलहाल प्रशासन अपनी नींद में अब देखने वाली बात ये है कि प्रशासन अपनी नींद से जागता है या नहीं।

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