पप्पू बैगा
जनकपुर कोरिया जिला के जनपद क्षेत्र भरतपुर में जनकपुर से लेकर कोटाडोल तक सन् 2013-14 डामरीकरण रोड का निर्माण कार्य पी.डब्ल्.डी विभाग के द्वारा करवाया गया था, मगर आज 7 साल बीत जाने के बावजूद भी अंन्न दाताओं के खेत के मुआवजे का पैसा इन किसानों को नहीं मिल पाया।
हम आपको बता दें कि भगवानपुर के स्थानीय लोगों ने बताया कि हमारे खेत से रोड का निर्माण पी.डब्ल्.डी विभाग के द्वारा करवाया गया था, मगर आज 6 साल बीत जाने के बावजूद भी हम गरीब अंन्न दाताओं के मुआवजे का पैसा किसानों को नहीं मिल पाया। ग्रामीणों ने बताया कि इसकी शिकायत लिखित रूप से हमने कोरिया कलेक्टर जी से, भूतपूर्व विधायक चंपा देवी पावले जी से भी की थी मगर इनके कार्यकाल में पैसा नहीं मिल पाया। वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि क्षेत्रीय विधायक एवं राज्यमंत्री गुलाब कमरों जी ने भी चुनाव से पहले आश्वासन दिया था कि यदि मैं चुनकर प्रतिनिधि के रूप में आता हूं तो आप लोगों के मुआवजे का पैसा दिलवाना मेरी प्राथमिकता होगी, मगर आज 2 साल बीत जाने के बावजूद भी माननीय विधायक महोदय ने हमारे कष्ट का निराकरण नहीं करवाया, जबकि समय-समय पर विधायक महोदय को ग्रामीणों के द्वारा लिखित और मौखिक रूप से अवगत कराया गया है।हम आपको बता दें कि ग्रामीणों ने यह भी बताया कि इसकी शिकायत हमने पी. डब्लू.डी विभाग के अधिकारियों से भी की है, उनके द्वारा आश्वासन ही मात्र दिया जा रहा है आज तक पैसा नहीं दिया गया है। हम आपको बता दें कि इस जनकपुर से कोटाडोल रोड निर्माण में लगभग सैकड़ों किसानों के आसपास की जमीन PWD विभाग के द्वारा ली गई, रोड का कार्य भी पूरा हो गया मगर किसानों के मुआवजे का पैसा आज तक PWD विभाग के द्वारा नहीं दिया गयाजिसके कारण गांव के युवाओं का विकास भी रुका हुआ है।
रुका हुआ है गांव का विकास
वही कुछ स्थानीय युवाओं ने बताया कि मुआवजे का पैसा ना मिलने के कारण हमारा विकास रुका हुआ है यदि मुआवजे का पैसा मिल जाता तो मैं जो अभी बेरोजगार हूं मैं उससे कोई दुकान या काम धंधा चालू कर देता। जिसे हम एक युवक की पीड़ा ही कहेंगे कि वह आज 6 साल से इंतजार ही कर रहा है कि पैसा मिलेगा और मैं रोजगार चालू कर सकूंगा।
वही कुछ किसान ऐसे भी हैं जिन्हें अपनी बच्चियों की शादी करनी है मगर पैसे ना होने के कारण,बच्चियों की शादी करने के लिए व्यवधान उत्पन्न हो रहे हैं यदि इनके मुआवजे का पैसा मिल जाता तो एक अन्नदाता का बोझ कुछ कम हो सकता।
अब प्रश्न चिन्ह यहां यह उठता है कि इन गरीबों किसानों के मुआवजे का पैसा अभी तक रुका हुआ है तो क्या इन बीते वर्षों से मुआवजे के रूप में बचे हुए पैसे का ब्याज पी. डब्लू. डी के विभाग के द्वारा दिया जाएगा।
जहां भगवानपुर निवासी वैद उमाशंकर सिंह ने बताया कि