दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने एक बच्चे की अपहरण और हत्या के दोषी व्यक्ति को मंगलवार को मौत की सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि यह एक क्रूर और जघन्य अपराध था और इसमें नरमी नहीं बरती जा सकती हैं। अदालत ने अपराधी जीवक नागपाल को मौत की सजा सुनाई जो दिल्ली के रोहिणी में रहता था और पीड़ित का पड़ोसी था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शिवाजी आनंद ने कहा कि इस तरह के कृत्य के लिए दोषी के प्रति नरमी नहीं बरती जा सकती है और उसे आजीवन कारावास की सजा देना पर्याप्त नहीं है और मौत की सजा देने के अलावा दूसरा कोई विकल्प भी नहीं है। न्यायाधीश ने कहा कि वर्तमान मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद मेरा मानना है कि 12 वर्ष से भी कम उम्र के निर्दोष बच्चे की हत्या का कृत्य क्रूरतापूर्ण तथा जघन्य है।
आपको बता दे की दोषी ने 18 मार्च 2009 को बच्चे का अपहरण किया था और फिरौती मांगने के लिए उसके पिता को कई संदेश भी भेजे थे। उसने चेतावनी दी थी कि अगर फिरौती की मांग पूरी नहीं की गई तो उनके बेटे की हत्या कर दी जाएगी और उनके घर को बर्बाद कर दिया जाएगा। उसके बाद दोषी जीवक नागपाल ने बच्चे पर किसी वस्तु से प्रहार करने के बाद गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी और हत्या के बाद बच्चे के शव को एक सूखे नाले में फेंक दिया था।
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