जनजाति गौरव समाज लुण्ड्रा द्वारा महारानी दुर्गावती जयंती समारोह सम्पन्न
महान गोंड़ वीरांगना महारानी दुर्गावती जी की जयंती के अवसर पर लुण्ड्रा विकासखंड के ग्राम झेराडीह में जनजाति गौरव समाज लुण्ड्रा द्वारा जयंती समारोह मनाया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनजाति गौरव समाज के प्रदेश प्रवक्ता इन्दर भगत ने महारानी दुर्गावती जी के जीवन परिचय व उनके अप्रतिम शौर्य गाथा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कालिंजर राजा कीर्तिसिंह के यहाँ 5 अक्टूबर 1524 को दुर्गाष्ठमी को उनका जन्म हुआ, जिसके कारण दुर्गा जी के नाम पर उनका नामकरण दुर्गावती हुआ, दुर्गा के समान तेज, शौर्य एवं साहस के कारण महोबा के गोंड़ राजा संग्राम सिंह के पुत्र राजा दलपत शाह से उनका विवाह हुआ, राजा दलपत शाह की मृत्यु के पश्चात अपने 3 वर्ष के पुत्र वीर नारायण को राज्यगद्दी में बैठाकर स्वयं सरंक्षिका के रूप में कुशल शासन की, एवं 24 जून 1564 को मुगल सेना से लड़ते हुए वीर गति को प्राप्त हुईं। उन्होनें आगे कहा कि वे जनजाति समाज की आदर्श थीं, मात्र 40 वर्ष के जीवन एवं लगभग 16 साल के राज्य संचालन में उन्होनें अपनी जनता के हितों के लिए अनेक हितकारी कार्य कीं, जिसका उदाहरण आज भी अवशेष के रूप में गढ़ मंडला क्षेत्र में मिलता है।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा रानी दुर्गावती जी के छायाचित्र में दीप प्रज्जवलन से हुआ। वरिष्ठ अतिथि रघुराज सिंह द्वारा जनजाति समाज मे अपनी संस्कृति एवं रीति रिवाज के संरक्षण पर बल देने का आह्वाहन किया गया। सुश्री इन्दुमती द्वारा रानी दुर्गावती की जीवनी से प्रेरणा लेने की बात की गयी एवं जनजाति समाज में वृद्धाश्रम प्रथा कभी नहीं आने देने की बात कही गयी। कार्यक्रम के अध्यक्ष अनिल सिंह पैंकरा द्वारा भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रम निरंतर होते रहने की बात कही गयी। मंजीत सिंह, चमनलाल पैंकरा द्वारा सभा के सम्मुख अपने विचार प्रस्तुत किये गये। आभार प्रदर्शन कार्तिक सिंह व मंच संचालन ठाकुर दयाल पैंकरा द्वारा किया गया । कार्यक्रम के अंत में अतिथियों द्वारा वरिष्ठजनों का सम्मान भी किया गया ।
कार्यक्रम में जिला सह सचिव देवलाल सिंह पैंकरा, अमरदेव, रामशरण सिंह, चितरंजन, अभिमन्यु सिंह पैंकरा, नवलसाय सिंह, दुर्गाशंकर दास, विकास, रविता, पूर्णिमा, जशोदा, शबीना, प्रियंका, गायत्री, संतोषी, रंगीन, कमलेश्वर सहित अन्य ग्रामीण जन उपस्थित रहे ।