लखनऊ: कोर्ट के स्पेशल जज ने कहा- अयोध्या विध्वंस के प्रबल साक्ष्य नहीं, लालकृष्ण आडवाणी समेत सभी आरोपित बरी

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आचार्य डॉ अजय दीक्षित
लखनऊ :
देश की राजनीतिक दिशा को परिवर्तित कर देने वाले अयोध्या विध्वंस मामले में बुधवार को सीबीआइ की विशेष अदालत का बहुप्रतीक्षित फैसला आ गया। 28 साल से चल रहे इस मुकदमे के विशेष जज एसके यादव ने अपने कार्यकाल का अंतिम फैसला सुनाते हुए लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, महंत नृत्य गोपाल दास, कल्याण सिंह समेत सभी आरोपितों को बरी कर दिया। विशेष जज ने कहा कि अयोध्या विध्वंस पूर्व नियोजित नहीं था। घटना के प्रबल साक्ष्य नही हैं।

इस मामले में 49 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था, जिनमें 17 की मौत हो चुकी है। जज सुरेंद्र यादव ने अपने फैसले में बचे 32 आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया है ।
सीबीआई कोर्ट में सुनवाई के दौरान विशेष जज सुरेंद्र कुमार यादव के सामने इस मामले में कुल 351 गवाहों की पेशी हुई। इसके साथ ही साथ साक्ष्य के रूप में करीब 600 दस्तावेज भी पेश किये गये थे ।
भाजपा के दिग्गज नेता पूर्व डिप्टी पीएम लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के साथ मध्य प्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, भाजपा सांसद साक्षी महाराज, पूर्व सांसद विनय कटियार व राम विलास वेदांती के साथ श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अयोध्या के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल व महासचिव चंपत राय बंसल, साध्वी ऋतंभरा व आचार्य धर्मेंद्र इस केस में प्रमुख आरोपी बनाए गए थे। 28 वर्ष की लम्बी सुनवाई के दौरान आरोपित बाला साहब ठाकरे, अशोक सिंघल, विजयाराजे सिंधिया, आचार्य गिरिराज किशोर और विष्णु हरि डालमिया का निधन हो गया।

सभी आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया गया है। अयोध्या में खुशी का माहौल छाया हुआ है ।
डीआइजी दीपक कुमार ने मंगलवार को फैसले के मद्देनजर सुरक्षा व निगरानी के इंतजाम की समीक्षा की।
डीआइजी ने रामनगरी में भीड़ एकत्र होने पर पाबंदी लगा दी है। बाहरी लोगों से कड़ी पूछताछ और अयोध्या आने का वाजिब कारण जानने के बाद ही उन्हें रामनगरी में प्रवेश देने पर निर्णय लिया जाएगा। रामनगरी में प्रवेश करने वालों का पहचान पत्र भी पुलिस देखेगी। निगरानी के लिए सादे वस्त्रों में पुलिसकर्मियों का एक अलग दल रामनगरी में तैनात कर दिया गया है। इनका दायित्व आम लोगों के बीच घुलमिल कर इनपुट एकत्र कराना और संदिग्धों की धरपकड़ करना है।
श्रीरामजन्मभूमि न्यास कार्यशाला की सुरक्षा को भी बढ़ा दिया गया है। कार्यशाला के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। डीआइजी ने मंगलवार को रामनगरी पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था देखी। सुरक्षा प्वाइंटों पर तैनात किए गए पुलिस कर्मियों को हर पल सतर्क रहने की हिदायत दी। डीआइजी ने कहाकि कोई भी व्यक्ति संदिग्ध दिखाई दिखे तो तत्काल उससे पूछताछ करें। उच्चाधिकारियों को सूचना दें। डीआइजी ने रामनगरी की आम जनता से भी आह्वान किया कि सड़क पर अनावश्यक रूप से एकत्र न हों। बुधवार को बाइक, कार व टेंपो सहित सभी वाहनों को चेकिग के बाद ही रामनगरी में प्रवेश दिया जाएगा।

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