कानपुर नगर:- पीठासीन अधिकारी (न्ययिक) ने अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता का किया घोर अपमान

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आचार्य डॉ अजय दिक्षित

कानपुर नगर – सिविल कोर्ट कानपुर नगर के एक पीठासीन अधिकारी ने वरिष्ठ अधिवक्ता श्री मनमोहन लाल दीक्षित को अपने चैम्बर से कोर्ट मोहरिर्र द्वारा धक्के देकर बाहर निकलवाया तथा कन्टेम्ट आफ कोर्ट करने की धमकी दी ।
वरिष्ठ अधिवक्ता श्री मनमोहन लाल दीक्षित ने बताया कि दिनांक 17-09-2020 को लगभग दोपहर 2:30 बजे वे माननीय ए.सी.जे.प्रथम (जू.डि.) के कार्यालय मुकदमें की पैरवी करने गए तो लिपिक ने उन्हें बताया कि मैं बार-बार पीठासीन अधिकारी के पास जा चुका हूं किन्तु वह पैरवी जारी करने का आदेश नहीं कर रहे हैं। तब उन्होंने कलर्क से अनुरोध किया कि आप मुझे साहब के सामने पेश करा दो इस पर कलर्क उन्हें लेकर साहब के चैम्बर गया। वे चैम्बर के बाहर गेट पर ही खड़े रहे और कलर्क चैम्बर के अन्दर गया थोडी देर में चैम्बर से बाहर आके कलर्क ने उनसे बोला कि साहब चैम्बर में नही सुनेंगे तब मैंने चैम्बर के गेट पर से ही कहा कि कृपया डैस पर मुझे सुनलें इतने में ही माननीय पीठासीन अधिकारी ने दुर-दुर दुर-दुर दुर-दुर कहकर उन्हें अपमानित किया । अपमान सहने के बावजूद फिर उन्होंने कहा साहब आप मुझे सुनलें तब पीठासीन अधिकारी ने कहा यहां से चले जाइये मैं नही सुनूंगा और कोर्ट मोहरिर्र को बुलाकर उन्हें धक्के देकर चैम्बर से बाहर निकलवा दिया और उनके विरुद्ध कार्यवाही करने की धमकी दी।
पीठासीन अधिकारी के द्वारा किये गये इस व्यवहार से वे बहुत क्षुब्ध हैं। उन्होंने बताया कि मेरा 24 साल का अधिवक्ता व्यवसाय जीवन पूर्ण निष्कलंक है । मैं आज काफी आहत हूं इस दुर्व्यवहार से इसकी जानकारी लिखित प्रार्थना पत्र द्वारा माननीय जनपद न्यायाधीश कानपुर नगर व माननीय अध्यक्ष/महामंत्री वार एसोसिएशन कानपुर नगर वा माननीय अध्यक्ष/महामंत्री लायर्स एसोसिएशन को दी है।

उन्होंने आगे कहा कि मुझे न्याय चाहिए ।

आइये वीडियो में सुनते हैं अधिवक्ता श्री मन मोहन लाल दीक्षित की आप बीती

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