बरसात के मौसम में भी मनरेगा के तहत रोजगार…

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शुभम शुक्ला
राज्य शासन द्वारा नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान राज्य में विभिन्न राज्यों से प्रवासी श्रमिकों के गांवों में आने पर उन्हें ऐसे समय में बरसात के मौसम में भी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत जरूरतमंद परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। उनके द्वारा काम की मांग किए जाने पर पौधारोपण, मुर्गी शेड, बकरी शेड, पक्का फर्श निर्माण, पंचायत भवन, धान चबूतरा निर्माण, गौठानों में वर्मी टांका एवं नाडेफ निर्माण, आगंनबाड़ी भवन निर्माण और प्रधानमंत्री आवास निर्माण के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके साथ ही अन्य हितग्राही मूलक एवं आजीविका मूलक कार्यों में निरंतर रोजगार प्रदाय किए जा रहे हैं। कांकेर जिले में योजनांतर्गत 3 हजार 142 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।

कोरोना महामारी काल में जहां जरूरतमंद परिवारों को काम की मांग के आधार पर रोजगार प्रदान किया जा रहा है। वहीं जिले के पंजीकृत दिव्यांगजनों को भी मनरेगा के तहत रोजगार प्रदान कर मदद की जा रही है। जिला पंचायत के सीईओ डॉ. संजय कन्नौजे ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में अब तक जिले में 2 हजार 108 परिवारों को 100 दिवस कार्य दिया जा चुका है। साथ ही जिले में एक वित्तीय वर्ष में गर्भवती माताओं को कम से कम 50 दिवस कार्य करने पर एक माह का मातृत्व भत्ता 5 हजार 910 रूपए प्रदान किया जा रहा है।

इस प्रकार कोरोना महामारी व बरसात के मौसम में भी जरूरतमंद लोगों और दिव्यांगजनों को काम की मांग करने पर निरंतर रोजगार प्रदाय किया जा रहा है, जिससें उन्हें आर्थिक मदद मिल रही है। वहीं दूसरी ओर गांव में परिसम्पतियों का निर्माण भी हो रहा है। ग्रामीणों के लिए गौठान और वहां मुर्गी शेड, बकरी शेड के निर्माण से आजीविका के नये आयाम विकसित हो रहे हैं।

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