राजधानी के सिटी कोतवाली के बंदी गृह में भगवान श्री कृष्ण जी का अवतरण मध्य रात्रि में होगा भगवान का जन्मोत्सव

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बनमाली यादव

रायपुर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है इसी संदर्भ में जन्माष्टमी उत्सव एवं विकास समिति के संयोजक माधवलाल यादव ने बताया कि विगत 3 वर्षों से सिटी कोतवाली के बंदी गृह में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मउत्सव मनाया जा रहा है। जन्मोत्सव की खास बात यह है कि वासुदेव और माता देवकी की भूमिका में समिति के सदस्य स्वयं होते हैं। रात्रि में पुलिस विभाग के कर्मचारी बंदी गृह में भगवान के जन्म होते ही अचेत अवस्था में चले जाने का अभिनय करते हैं। तत्पश्चात वासुदेव जी भगवान श्रीकृष्ण को टोकरी में रखकर मथुरा से वृंदावन अर्थात सदर बाजार के श्रीगोपाल मंदिर ले जाते हैं। यह दृश्य बेहद मार्मिक, भाव विभोर कर देने वाला और हृदय को बेहद संतुष्टि देने वाला होता है। इस दृश्य को देखने शहर की महिलाएं पुरुष बड़ी संख्या में रात्रि में सिटी कोतवाली में उपस्थित होते हैं, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए कम संख्या में उपस्थित होने का आग्रह समिति के पदाधिकारियों ने किया है, सीमित पदाधिकारी मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इस बार भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को मनाएंगे। यादव ने विश्वास व्यक्त किया है कि भगवान श्रीकृष्ण के कारागार में जन्म लेते ही कोरोना नामक कंस का अंत देश से हो जाएगा।
माधव यादव ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी आनलाइन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। प्रतियोगिता 12 अगस्त को होगी । क्योंकि देश के कुछ हिस्सों में दो तिथि होने की वजह से 11 अगस्त को भी जन्माष्टमी मनाई जा रही है तो जिन हिस्सों में या जो लोग 11 अगस्त को जन्माष्टमी मना रहे हैं वह लोग भी अपना श्रीकृष्ण का सिंगार झूला सजावट और पूजा करते हुए वीडियो समिति के दिए गए व्हाट्सएप नंबर पर भेज सकते हैं। अभी इस प्रतियोगिता में गुजरात, बेंगलुरु, कवर्धा, कांकेर, जगदलपुर, डोंगरगांव राजनांदगांव , गरियाबंद  जिला रायपुर से बड़ी संख्या में महिला समूह और परिवारिक लोगों ने अपना पंजीयन इस आनलाइन प्रतियोगिता के लिए करा लिया है। पंजीयन की प्रक्रिया जारी है। जो पंजीयन नहीं करा पाएंगे वे सीधे अपना 2 मिनट का वीडियो 13 अगस्त तक भेज सकते हैं।
 प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए सिर्फ इतना ही करना है कि भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति का विशेष श्रृंगार झूला की साज सज्जा, पूजा करते हुए प्रतिभागियों को एक जैसी वेशभूषा अथवा एक ही रंग के कपड़े धारण करना है। और कान्हा जी का सिंगार, झूला, पूजा की गतिविधियों को प्रदर्शित करते हुए वीडियो और दो फोटो खींचकर समिति के व्हाट्सएप नंबर 9575003333 पर भेजना है। प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार के रुप में  11000 रुपए नगद व प्रशस्ति पत्र, द्वितीय 7000 रुपए नगद, तृतीय 5000 रुपए नगद व प्रशस्ति पत्र दिए जाएंगे।माधवलाल यादव ने बताया कि संस्था के पुरस्कार वितरण के अवसर पर मुख्य अतिथि के हाथों कोरोना संक्रमण को रोकने संघर्ष करने वाले पुलिस ,डॉक्टर और सफाई कर्मियों के अलावा साहसिक कार्य करने वाले बच्चे प्रवीण सूची में आए हुए छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया जाएगा।

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