यूपीएससी परीक्षा में जशपुर जिले के होनहार सपूत जितेंद्र कुमार यादव ने फिर से UPSC में दिखाया कमाल

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बनमाली यादव

जशपुर पत्थलगांव यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) ने सिविल सर्विस एग्जाम 2019 का फाइनल रिजल्ट मंगलवार को घोषित कर दिया है। इसके तहत प्रोवीजनल लिस्ट भी जारी कर दी गई है। इसी बीच जशपुर जिले के होनहार सपुत जितेंद्र कुमार यादव” ने फिर से UPSC में अपना परचम लहराया
370 रैक प्राप्त कर तीसरी बार सिविल सर्विस परीक्षा उत्तीर्ण किया।इससे पूर्व में 2015 तथा 2018(170 रैक) में भी उतीर्ण कर चुके हैं वर्तमान में छत्तीसगढ़ के बलौदा बजार जिले में प्रशिक्षु IPS के रूप में पदस्थ हैं,
जितेंद्र जशपुर जिले के पत्थलगांव तहसील में पाकरगांव के निवासी हैं| जिन्होंने अपने धैर्य और लगन के साथ निरंतर मेहनत के फलस्वरूप यह सफलता को प्राप्त किया |
यूपीएससी ने सितंबर 2019 में सिविल सर्विसेज एग्जाम की लिखित परीक्षा ली थी | परीक्षा में कुल 829 उम्मीदवारों को सलेक्ट किया है जिसमें 304 उम्मीदवार जनरल कैटेगरी से, 78 आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग, 251 अन्य पिछड़ा वर्ग, 129 एससी और 67 एसटी कैटेगरी से हैं। 2020 में फरवरी-अगस्त के बीच पर्सनालिटी टेस्ट, इंटरव्यू आयोजित किए गए। 
सफल IPS डॉ. जितेंद्र कुमार यादव का सफर
हम बात कर रहे डॉ. जितेंद्र कुमार यादव की जिसने अपने भाई के सहयोग से IPS जैसे उच्च पद को प्राप्त किया है
IPS डाक्टर जितेंद्र कुमार का जन्म छत्तीसगढ़ के पिछड़े जिले जशपुर के पाकरगाव में एक सामान्य कृषक परिवार में हुआ था। बचपन से पढाई में तेज थे लेकिन इस तेजी में गरीबों एक बड़ी रुकावट बनकर सामने आतीं थी डॉ जितेंद्र 5वी तक की पढ़ाई गाँव में तथा 12 तक की पढ़ाई नवोदय विद्यालय से की है! बचपन से ही सिविल सर्विस में जाने की चाहत थी।
इस चाहत को पूरा करने में उनके दो बडे भाई का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जब ips जितेंद्र कुमार का चयन वेटनरी विश्वविद्यालय तमिलनाडु में तब से ही वे UPSC की तैयारी शुरू कर दी थी लेकिन तब पढाई के लिए पैसे की जरूरत पडने लगीं ऊपर से बीमार पिताजी के ईलाज का खर्चा तभी उनके
दो भाई संजय यादव और नरेंद्र यादव ने भाई के सपनों को पूरा करने का बीड़ा उठाया।और अपनी पढाई ग्रेजुएशन से आगे नही करने का फैसला लिया और छोटे भाई जितेंद्र के पढाई के खर्च के लिए एक भाई प्राईवेट कंपनी में तो दूसरा भाई निजी स्कूल में पढा कर भाई को पैसे भेजते थे। और फिर बाद में जितेंद्र सिविल सर्विस की तैयारी में लग गए।इसी बीच बडे़ भाई नरेंद्र यादव का चयन शिक्षाकर्मियों के तौर पर हो गया और बाद में एक भाई संजय ने भी अपने भाई को पढ़ाते हुए अपनी मेहनत से छत्तीसगढ़ पुलिस के उपनिरीक्षक के पद पर चयनित हुए जो वर्तमान में छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल जिला सुकमा के चितागुफा में अपनी सेवा दे रहे हैं।
वही जितेंद्र दोनों भाईयों के सहयोग से अपनी तैयारी जारी रखते हुए वर्ष 2015 में प्रथम प्रयास में ही 379 रैंक प्राप्त कर आईआरएस ( IRS) हेतु चयनित हुआ और हरियाणा के रोहतक में दो वर्ष तक GST कमीशनर के पद में रहे उसके बाद भी जितेन्द्र कुमार ने लगातार मेहनत करते रहे और दुबारा वर्ष 2018 मे पुनः एक बार UPSC में 170 रैक प्राप्त कर आईपीएस हेतु चयनित हुए तथा उनको होमकेडर के रूप में छत्तीसगढ़ ही मिला जिन्हें वर्तमान में छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिला मिला है।
डॉ. जितेन्द्र यादव को मद्रास विश्वविद्यालय में गोल्ड मेडल प्राप्त हुआ है तथा वो वर्तमान में छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले में प्रशिक्षु IPS के रूप में पदस्थ हैं|

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