शुभम दुबे
दक्षिणी इंग्लैंड के बकिंघम शायर के हाई वायकोम्बे नगर के सांसद, मेयर और पार्षद हर साल सार्वजनिक रूप से अपना वजन करवाते थे। जनता काे यह बताने के लिए कि टैक्स के पैसे का उपयोग करते हुए उनका वजन नहीं बढ़ा है। किसी नेता का वजन कुछ बढ़ा मिलता ताे भीड़ शाेर मचा देती थी। सालाें पुरानी इस कवायद की माैजूदा संदर्भ में प्रासंगिकता जानने के लिए फ्रांस के मोंटपेलियर बिजनेस स्कूल के शाेधकर्ता पाव्लाे ब्लावस्की ने दिलचस्प अध्ययन किया।
ब्लावस्की ने 15 देशाें की सरकाराें के कैबिनेट मंत्रियाें के वजन का अध्ययन किया। इससे नतीजे चाैंकाने वाले रहे, जाे यह बताते हैं कि सरकार जितनी भारी-भरकम है, उस देश में उतना ही भ्रष्टाचार है। ब्लावस्की ने 300 कैबिनेट मंत्रियाें के फाेटाे से उनके बाॅडी-मास इंडेक्स (बीएमआई) का अनुमान लगाया। इनका मिलान वर्ल्ड बैंक और ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल के आंकड़ाें से किया। उन्हाेंने पाया कि जिन देशाें के मंत्रियाें का बीएमआई अधिक था, वे अधिक भ्रष्ट देशाें में शामिल थे।
ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान में अधिक भ्रष्टाचार
एस्टाेनिया, लिथुआना, लातविया और जाॅर्जिया कम भ्रष्ट देश थे। इन चार देश की कैबिनेट भी सबसे छरहरी थी। वहीं ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान में अधिक भ्रष्टाचार था, ताे वहां की कैबिनेट भी थुलथुल थी। अध्ययन में सभी 15 देशाें के करीब एक-तिहाई मंत्री अत्यधिक माेटे पाए गए। रूस से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की छवि भले ही स्वस्थ पुरुष की है, लेकिन उनकी कैबिनेट पड़ाेसी देशाें की तरह थुलथुल है।
ऐसे किया गया अध्ययन
शाेधकर्ता ब्लावस्की ने 15 देशाें के 2017 के मंत्रियाें की 300 तस्वीराें का अध्ययन किया। ये देश हैं- आर्मेनिया, अजरबेजान, बेलारूस, ऐस्तोनिया, जाॅर्जिया, कजाकिस्तान, रूस, किर्गिस्तान, लातविया, लिथुआनिया, यूक्रेन, माल्डाेवा, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान व उज्बेकिस्तान। ब्लावस्की ने कंप्यूटर एल्गाेरिदम के जरिये तस्वीरों से बीएमआई का आकलन किया। वे यह जानकर हैरान रह गए कि बीएमआई के मध्य मान का भ्रष्टाचार के इंडेक्स से संबंध था। नतीजे बताते हैं कि नेताओं के शारीरिक लक्षण जैसे बीएमआई का उपयाेग भ्रष्टाचार के प्रतिनिधि कारक के रूप में किया जा सकता है।
कम भ्रष्टाचार वाले देश गरीब और कम वजन वाली आबादी वाले
ब्लावस्की कहते हैं कि थुलथुल लोग संताेषी दिखते हैं, पर वे लाेभी हाेते हैं। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपाेर्ट देखें ताे पता चलता है कि कम भ्रष्ट देश गरीब और कम वजन वाली आबादी वाले हैं। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि यह संबंध हर मामले में सही हाे। यह भी जरूरी नहीं है कि माेटे नेता छरहरे नेताओं की अपेक्षा अधिक बेईमान हाेते हैं।