रक्षाबंधन विशेष रक्षाबंधन पर्व से जुडी कुछ पौराणिक और ऐतिहासिक कथायें , तथा रक्षा बंधन के उपाय एवं राशि अनुसार बहनों को दे सकते हैं ये उपहार

0

आचार्य डा.अजय दीक्षित

राखी के पर्व की शुरुआत कब से हुई इसकी कोई निश्चित जानकारी तो नहीं है पर पुराणों में इस पर्व से सम्बंधित कुछ कथाएं है जो हम आज आपको बातएंगे। इसके अलावा हम आपको इतिहास की वो अमर कहानी भी बातएंगे जब मेवाड़ की राजपूत रानी कर्णावती द्वारा भेजी गई राखी का मान रखते हुए मुग़ल शासक हुमायूँ ने कर्णावती की और उसके राज्य की रक्षा की थी।

🌈🌈🌈🌈🌈🌈🌈🌈

लक्ष्मी जी और बलि :–
🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁

जब लक्ष्मी जी ने दानवराज बलि के राखी बाँध द्वारपाल बने विष्णु जी को कराया मुक्त :–

पुराणों के अनुसार रक्षा बंधन पर्व लक्ष्मी जी का बली को राखी बांधने से जुडा हुआ है। इसके लिए पुराणों में एक कथा है जो इस प्रकार है – जब दानवो के राजा बलि ने अपने सौ यज्ञ पुरे कर लिए तो उन्होंने चाहा कि उसे स्वर्ग की प्राप्ति हो, राजा बलि कि इस मनोइच्छा का भान देव इन्द्र को होने पर, देव राज इन्द्र का सिहांसन डोलने लगा।

🌈🌈🌈🌈🌈🌈🌈🌈

जब देवराज इंद्र को कोई उपाय नहीं सुझा तो वो घबरा कर भगवान विष्णु की शरण में गयें, और बलि की मंशा बताई तथा उन्हें इस समस्या का निदान करने को कहा। देवराज इंद्र की बात सुनकर भगवान विष्णु वामन अवतार ले, ब्राह्माण वेश धर कर, राजा बलि के यहां भिक्षा मांगने पहुंच गयें क्योंकि राजा बलि अपने दिए गए वचन को हर हाल में पूरा करते थे। जब राज बलि ने ब्राह्माण बने श्री विष्णु से कुछ माँगने को कहां तो उन्होंने भिक्षा में तीन पग भूमि मांग ली। राजा बलि ने उन्हें तीन पग भूमि दान में देते हुए कहां की आप अपने तीन पग नाप ले।

🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁

वामन रुप में भगवान ने एक पग में स्वर्ग ओर दुसरे पग में पृ्थ्वी को नाप लिया। अभी तीसरा पैर रखना शेष था। बलि के सामने संकट उत्पन्न हो गया। आखिरकार उसने अपना सिर भगवान के आगे कर दिया और कहां तीसरा पग आप मेरे सिर पर रख दीजिए। वामन भगवान ने ठिक वैसा ही किया, श्री विष्णु के पैर रखते ही, राजा बलि पाताल लोक पहुंच गए।

बलि के द्वारा वचन का पालन करने पर, भगवान विष्णु अत्यन्त खुश हुए, उन्होंने आग्रह किया कि राजा बलि उनसे कुछ मांग लें। इसके बदले में बलि ने रात दिन भगवान को अपने सामने रहने का वचन मांग लिया, श्री विष्णु को अपना वचन का पालन करते हुए, राजा बलि का द्वारपाल बनना पडा। जब यह बात लक्ष्मी जी को पता चली तो उन्होंने नारद जी को बुलाया और इस समस्या का समाधान पूछा। नारद जी ने उन्हें उपाय बताया की आप राजा बलि को राखी बाँध कर उन्हें अपना भाई बना ले और उपहार में अपने पति भगवन विष्णु को मांग ले। लक्ष्मी जी ने ऐसा ही किया उन्होंने राजा बलि को राखी बाँध कर अपना भाई बनाया और जब राजा बलि ने उनसे उपहार मांगने को कहाँ तो उन्होंने अपने पति विष्णु को उपहार में मांग लिया। जिस दिन लक्ष्मी जी ने राजा बलि को राखी बाँधी उस दिन श्रावण पूर्णिमा थी। कहते है की उस दिन से ही राखी का तयौहार मनाया जाने लगा।

🍁🍁🍁🍁🌈🍁🍁🍁

जब इन्द्राणी ने बाँधा देवराज इंद्र को रक्षा सूत्र :–

रक्षाबंधन से जुडी सबसे प्राचीन कथा देवराज इंद्र से सम्बंधित है, जिसका की भविष्य पुराण में उल्लेख है। इसके अनुसार एक बार देवताओं और दानवों में कई दिनों तक भयंकर युद्ध हुआ जिसमे की देवताओं की हार होने लगी, यह सब देखकर देवराज इंद्र बड़े निराश हुए तब इंद्र की पत्नी शचि ने विधान पूर्वक एक रक्षासूत्र तैयार किया और श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को ब्राह्मणो द्वारा देवराज इंद्र के हाथ पर बंधवाया जिसके प्रभाव से इंद्र युद्ध में विजयी हुए। तभी से यह “रक्षा बंधन” पर्व ब्राह्मणों के माध्यम से मनाया जाने लगा। आज भी भारत के कई हिस्सों में रक्षा बंधन के पर्व पर ब्राह्मणों से राक्षसूत्र बंधवाने का रिवाज़ है।

🍁🍁🍁🍁🍁🍁🌈🍁

महाभारत में द्वौपदी का श्री कृष्ण को राखी बांधना:—

रक्षाबंधन से जुड़ा एक प्रसंग महाभारत में भी आता है। महाभारत में कृष्ण ने शिशुपाल का वध अपने चक्र से किया था। शिशुपाल का सिर काटने के बाद जब चक्र वापस कृष्ण के पास आया तो उस समय कृष्ण की उंगली कट गई भगवान कृष्ण की उंगली से रक्त बहने लगा। यह देखकर द्रौपदी ने अपनी साडी़ का किनारा फाड़ कर कृष्ण की उंगली में बांधा था, जिसको लेकर कृष्ण ने उसकी रक्षा करने का वचन दिया था। इसी ऋण को चुकाने के लिए दु:शासन द्वारा चीरहरण करते समय कृष्ण ने द्रौपदी की लाज रखी। तब से ‘रक्षाबंधन’ का पर्व मनाने का चलन चला आ रहा है।

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

हुमायूं ने की थी रानी कर्णावती की रक्षा : —

महारानी कर्णावती
मध्यकालीन युग में राजपूत व मुस्लिमों के बीच संघर्ष चल रहा था। रानी कर्णावती चितौड़ के राजा की विधवा थीं। रानी कर्णावती को जब बहादुरशाह द्वारा मेवाड़ पर हमला करने की पूर्वसूचना मिली तो वह घबरा गई। रानी कर्णावती, बहादुरशाह से युद्ध कर पाने में असमर्थ थी। अपनी प्रजा की सुरक्षा का कोई रास्ता न निकलता देख रानी ने हुमायूं को राखी भेजी थी। हुमायूं ने राखी की लाज रखी और मेवाड़ पहुंच कर बहादुरशाह के विरुद्घ मेवाड़ की ओर से लड़ते हुए कर्णावती और उसके राज्य की रक्षा की। दरअसल, हुमायूं उस समय बंगाल पर चढ़ाई करने जा रहा था लेकिन रानी के और मेवार की रक्षा के लिए अपने अभियान को बीच में ही छोड़ दिया।

🛶🛶🛶🛶🛶🛶🛶🛶

रक्षाबंधन के उपाय :–
🛶🛶🛶🛶🛶🛶🛶🛶
🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁

रक्षाबंधन के पवित्र दिन कुछ आसान किन्तु अचूक उपायों को करके हम अपने जीवन की बहुत सी समस्याओं को दूर कर सकते है –

🛶🛶🛶🛶🛶🛶🛶🛶

1. कोई भी ऐसा पौधा जो किसी वटवृक्ष (बड़ के पेड़) के नीचे उगा हुआ हो, रक्षाबंधन के दिन उसे लाकर अपने घर की मिट्टी या गमले में स्थापित करें। ऐसा करने से घर का दरिद्र दूर होकर घर में लक्ष्मी का वास होता है।

2. जिन लोगो की कुंडली में कालसर्प दोष हो, वे रक्षाबंधन के दिन शिवलिंग पर मीठा कच्चा दूध चढाएं, नाग देवता से अपने बुरे कर्मो जाने अनजाने में की गयी भूलो के लिए क्षमा मांगे और सबसे महत्वपूर्ण बात उस दिन चांदी की डिब्बी में शहद भरकर कहीं वीराने में गाड़ दें इससे कालसर्प दोष का प्रभाव कम होने लगता है ।

3. यदि किसी व्यक्ति ने आपसे पैसा उधार लिया है लेकिन वापिस नहीं दे रहा है तो रक्षाबंधन के दिन सूखे कपूर का काजल बनाना चाहिए। इस काजल से एक कागज पर उसका नाम लिखकर किसी भारी पत्थर के नीचे दबा देना चाहिए, तुरंत पैसा वापिस आ जाएगा।

🛶🛶🛶🛶🛶🛶🛶🛶

4. जिन लोगो की कुंडली में चन्द्रमा नीच में हो वह रक्षाबंधन के दिन संध्या को चन्द्रमा के उदय होने के समय कच्चे दूध में मीठा डालकर उससे चन्द्रदेव को अर्घ्य देकर ‘ॐ सोमेश्वराय नम:’ का जप करें। उस दिन दूध का दान करें।

5. जो लोगो को अपने शत्रुओं से भय है वह शत्रुओं की शांति के लिए रक्षाबंधन के दिन संकटमोचन हनुमानजी को चोला चढ़ाएं तथा मोतीचूर के लड्डू और गुड़ का प्रशाद अर्पित करते हुए लाल गुलाब के फूल चढ़ाएं, इससे उनको शत्रुओं का भय जाता रहेगा।

6. जिन लोगो को शनि देव से पीड़ा मिल रही हो वह लोग रक्षाबंधन के दिन कांच की एक बोतल में सरसों का तेल भरकर उसे अपने सर के उपर से वारकर बहते जल के नीचे दबा दें ।

7. जिन लोगो के विवाह में अड़चने आ रही है बनती बात बिगड़ जाती है वह रक्षाबंधन के दिन एक पुराना ताला जो खुला हो लेकिन खराब न हो, उसकी चाभी अपने पास रखकर उसे अपने सर के ऊपर से उतारकर रात्रि में पीछे चौराहे पर फेंक दें, और पीछे मुड़कर ना देखें, इस उपाय से विवाह में चली आ रही बाधाएं दूर होती है।

8. यदि घर में आए दिन उपद्रव होते रहते हैं और भूत-प्रेत की बाधाएं आपको परेशान करती हैं तो सबसे सरल उपाय है कि आप एक महाकाली यंत्र की घर में विधिवत स्थापना करवा दें। इसके बाद घर में होने वाले सभी उपद्रव समाप्त हो जाएंगे।

9. जिन लोगो को कुंडली में राहु खराब स्थिति में हो उन जातको को रक्षाबंधन के दिन 11 पानी वाले नारियल अपने ऊपर से उतारकर बहते जल में प्रवाहित करना चाहिए ।

10. जिन लोगो को जीवन में धन का आभाव रहता हो वह रक्षाबंधन को रात में चन्द्रमा के उदय होते समय मीठे दूध में साबुत बासमती चावल डाल कर ‘ॐ सोमेश्वराय नम:’ का जप करते हुए उससे चन्द्र देव को अर्ध्य दें और अपने जीवन में धन का आभाव दूर करने की प्रार्थना करें । इस उपाय से धन में चली आ रही परेशानी समाप्त हो जाती है ।

11. यदि किसी को नजर लगी हो तो रक्षाबंधन के दिन एक फिटकरी का टुकड़ा उस नजर लगे हुए व्यक्ति पर से उतारकर चूल्हे में जला दें नज़र का दोष दूर हो जायेगा।

12. कोई व्यक्ति लंबे समय से बीमार हो तथा उसकी बीमारी ठीक नहीं हो रही है तो रात में एक सिक्का रोगी के सिरहाने रख देना चाहिए। अगले दिन सुबह ही उस सिक्के को श्मशान में फेंक देने से रोगी शीघ्र स्वस्थ हो जाता है।

13. रक्षा बन्धन के दिन यथाशक्ति अखंडित चावल भगवान शिव के मंदिर ले जाएं। अब अपने दोनों हाथों में जितने भी चावल आ जाएं उतने शिवलिंग दें और भगवान शिव से धन लाभ के लिए प्रार्थना करें। मान्यता है कि जितने चावल के दानें शिवजी को अर्पण किए जाते हैं, उतने ही हजार गुना फल मिलता हैफिर बचा हुआ चावल गरीबों में बांट दें। इससे धन प्राप्ति के प्रबल योग बनते है दुर्भाग्य भी दूर होता है ।

🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁

रक्षाबंधन पर राशि अनुसार बहनों को दे सकते है ये उपहार :–
🛶🛶🛶🛶🛶🛶🛶🛶

रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। इस दिन भाई अपनी बहन को उपहार भी देते हैं। ज्योतिष के अनुसार रक्षाबंधन पर दिए जाने वाले उपहार यदि राशि के अनुसार देंगे तो वे और भी ज्यादा शुभ फल प्रदान करते हैं। यहां जानिए रक्षाबंधन पर बहन की राशि अनुसार क्या उपहार दिया जा सकता है…

🛶🛶🛶🛶🛶🛶🛶🛶

मेष- इस राशि वालों पर मंगल ग्रह का विशेष प्रभाव रहता है। इसलिए भाई मेष राशि वाली बहन को जिंक धातु की बनी वस्तुएं जैसे कोई शोपीस गिफ्ट के रूप में दे सकते हैं। लाल रंग की वस्तुएं, लाल रंग की ड्रेस, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं भी उपहार में दी जा सकती हैं।

वृषभ- जिन लोगों की बहन की राशि वृषभ है, वे अपनी बहन को परफ्यूम, रेशमी कपड़े या संगमरमर की कोई भी मूर्ति उपहार में दे सकते हैं। ये चीजें शुक्र ग्रह से संबंधित हैं और इस राशि का स्वामी शुक्र ही है।

मिथुन- इस राशि का स्वामी बुध है। इसलिए इस राशि की बहन को पेन सेट, खेल सामग्री, हरे रंग की वस्तु जैसे कोई फोटो जिसमें हरियाली दिख रही हो, उपहार में दे सकते हैं।

कर्क- इस राशि के लोगों पर चन्द्रमा का विशेष प्रभाव रहता है। इसलिए इस राशि की बहन को चांदी से बनी चीजें, मोतियों की माला, सफेद वस्तुएं, वाहन, सीप से बनी चीजें उपहार में दी जा सकती हैं।

सिंह- अगर आपकी बहन की राशि सिंह है तो उसे सोने के आभूषण, माणिक, तांबे की वस्तु, लकड़ी की चीजें या सुनहरे रंग की वस्तु उपहार में दे सकते हैं।

कन्या- इस राशि का स्वामी बुध है। इसलिए जिन लोगों की बहन की राशि कन्या है, वे कांसे की धातु से बनी मूर्ति, हरी ड्रेस, पन्ने की अंगूठी, गणेशजी की मूर्ति या फोटो, पुस्तक या पेन उपहार में दे सकते हैं।

तुला- इस राशि के लोग शुक्र ग्रह से प्रभावित होते हैं। इसलिए इस राशि की बहन को कपड़े, आभूषण, कार, परफ्यूम, आदि उपहार में दिए जा सकते हैं।

वृश्चिक- इस राशि का स्वामी मंगल है। इसलिए जिन लोगों की बहन की राशि वृश्चिक है, वे लाल रंग की मिठाई, मूंगे (रत्न) से बने आभूषण, अंगूठी व तांबे की वस्तुएं उपहार में दे सकते हैं।

धनु- इस राशि के लोग बृहस्पति से प्रभावित होते हैं। इसलिए इस राशि की बहन को किताबें, सोने के आभूषण, वस्त्र आदि उपहार में दिए जा सकते हैं।

मकर- इस राशि के लोग शनि से अत्यधिक प्रभावित होते हैं। मकर राशि की बहन को आप मोबाइल, लेपटॉप आदि, कोई वाहन उपहार में दे सकते हैं। ये चीजें शनि से संबंधित हैं।

कुंभ- इस राशि का स्वामी भी शनि ही है। यदि आपकी बहन की राशि कुंभ है तो उसे सैंडिल, ब्रेसलेट, पत्थर से बने शोपीस या नीलम के आभूषण, अंगूठी आदि उपहार में दे सकते हैं।

मीन- इस राशि का स्वामी गुरु है। जिन लोगों की बहन की राशि मीन है, वे सोने के आभूषण, पीली मिठाई, पीले वस्त्र, फिश एक्वेरियम आदि उपहार में दे सकते हैं। ये चीजें गुरु ग्रह से संबंधित हैं।

🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here