जनकपुर राजस्व और वन विभाग के भूमि पर चल रहा है धड़ल्ले से अवैध कब्जा, प्रशासन खामोश

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पप्पू बैगा

जनकपुर कोरिया जिले के दूरस्थ विकासखंड भरतपुर स्थित जनकपुर में राजस्व और वन विभाग के भूमि पर अवैध प्लाटिंग कर कब्जे का बड़ा कारोबार लंबे समय से चल रहा है। बाहर से यहां आकर शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर मकान बनाने का काम धड़ल्ले से चल रहा है। इस पर प्रशासन के साथ स्थानीय नेताओं की भी मौन स्वीकृति है। 


जनकपुर से कोटाडोल मार्ग पर समरसता भवन के पास राजस्व एवं वन भुमि पर कुछ लोगों के द्वारा जबरन झुग्गी झोपडी बना कर कब्जा किया जा रहा है, वही मनेन्दगढ तिराहे के पास भी वन विभाग का मुनारा को तोड़ कर तीव्र गति से कब्जा किया जा रहा है संबंधित विभाग मूकदर्शक बनी हुई है कार्यवाही न होने से दिनों दिन कब्जा बढता जा रहा है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जनकपुर के आवास पारा में कुछ लोगों के द्वारा शासकीय भुमि को कब्जा कर बाद में पैसा ले कर अन्य को ब्रिकी किया गया
जनकपुर में बड़ी मात्रा में शासकीय जमीन स्थित है  शासकीय कर्मचारियों के द्वारा भी शासकीय भुमि पर कब्जा  किया गया एवं शासकीय आवास पर भी कब्जा किया गया वह भी तहसील कार्यालय के पास इसे कहते हैं दिया तले अँधेरा  नजूल एवं राजस्व विभाग की भूमि के अलावे वन विभाग के छोटे झाड़ की भूमि भी है। छोटे झाड़ के जंगल की भूमि पर किसी भी स्थिति में अतिक्रमण नहीं हो सकता और मकान नहीं बनाए जा सकते किन्तु वन भूमि पर भी बखौफ कब्जा किया जा रहा है। वहीं विभाग की मिली भगत से वनों का भी पट्टा दे दिया जाता । अन्य क्षेत्रों से आकर  लोग बेधड़क शासकीय जमीनों को कब्जा कर निवासरत हो चुके हैं। कई जगह पर तो शासकीय और वन भूमि पर शासकीय कर्मचारियों ने अवैध कब्जा कर लिया है। राजस्व विभाग ने बेदखली का आदेश भी दे दिया था परन्तु अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

अवैध पट्टा बनाने का कारोबार जोरों पर

सरकारी जमीन के रकबा को बी-वन और खसरा में दर्ज भी लेन-देन कर किया जा रहा है। इसमें अधिकारी-

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