समरेश प्रजापति
एनएसयूआई ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ एस सुबैया पर लगाए गए सारे आरोप को बेबुनियाद और झूठा बताया है एक सामान्य से पारिवारिक विवाद को बढ़ा चढ़ाकर के लगातार ही डॉक्टर एस. सुबैया के चरित्र हरण का प्रयास किया जा रहा है स्थानीय थाना में शिकायतकर्ता बालाजी विजयराघवन ने शिकायत वापस ले लिया है और दोनों परिवारों के बीच की भ्रांति भी दूर हो गई है एनएसयूआई वामपंथी एवं कांग्रेस के अन्य संगठनों ने आपसी मिलीभगत से डॉक्टर सुबैया तथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचाने का षड्यंत्र रचा था उनकी यह झूठी मुहिम से डॉक्टर एस. सुबैया के परिवार और सम्मान को ठेस पहुंचा है पार्किंग के विषय को लेकर के विवाद था। चेन्नई के इस कॉलोनी में रहे दोनों परिवार ने आपसी सहयोग से एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किया है जो दोनों के ही अनुरूप है मुझे आशा है कि एनएसयूआई ऐसे निम्न स्तरीय राजनीति को बंद करेगी एनएसयूआई के विभिन्न प्रमुख एवं वरिष्ठ पदाधिकारि कालांतर में कई आरोपी में संदीप रहे हैं वस्तुतः एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं को उन्हीं के अपने संगठन के पदाधिकारी पर कार्यवाही की मांग करनी चाहिए लॉकडाउन की ऐसी परिस्थितियों में ऐसे झूठे आरोप को लेकर सत्ता के नशे में चूर एनएसवाई प्रदर्शन करती है तब भी प्रशासन की चुप्पी भी विचारणीय है