हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : प्रदेश के इतिहास मे पहली बार किसी जिले के कलेक्टर और एसपी को एक साथ निलंबित किया गया हैं। दरअसल बलौदाबाजार में हुई हिंसा पर नाकामी के कारण इन दोनो अधिकारियों को निलंबित किया गया हैं इससे पहले हादसे के दूसरे दिन देर रात कार्रवाई
करते हुए जिले के एसपी 2010 बैच के आईपीएस सदानंद कुमार को जिले से हटाते हुए उन्हें उप पुलिस महानिरीक्षक पुलिस मुख्यालय रायपुर के पद पर पदस्थ कर दिया था। इसके अलावा कलेक्टर के पद पर तैनात 2009 बैच के प्रमोटी आईएएस कुमार लाल चौहान को मंत्रालय में पदस्थ कर दिया था। दो दिनों बाद दोनों को निलंबित कर दिया गया है। आईपीएस सदानंद कुमार का निलंबन अवधि में मुख्यालय पुलिस मुख्यालय रायपुर नियत किया गया है। जबकि आईएएस कुमार लाल चौहान का निलंबन अवधि में छत्तीसगढ़ मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर अटल नगर में अटैच किया गया है।
दरअसल यह पूरा मामला पवित्र अमरगुफा कांड की सीबीआई जाँच की मांग कों लेकर 10 जून कों हुए सतनामी समाज के प्रदेश स्तरीय आंदोलन का हैं। जहाँ हजारों की संख्या में पहुंचे सतनामी समाज का महाआंदोलन देखते ही देखते रौद्र रूप धारण क़र लिया तथा भीड़ ने बेरीकेट,लकड़ी की खम्भे,दमकल की गाड़ियों में तोड़फोड़ की साथ ही चारपहिया एवं दो पहिया वाहनो में आग लगा दी जिसकी आग ने संयुक्त कलेक्टर कार्यालय बलौदाबाजार कों भी लपेटे में लिया तथा पूरा बिल्डिंग आग व धुएँ की गुब्बार में तब्दील हो गया। साथ ही तहसील कार्यालय में खड़ी आधा दर्जन कार जल गयी एवं नैनदास स्मृति स्थल सतनामी समाज भवन परिसर में भी आग लग गयी। उक्त घटनाओं से नगर में अशांति का माहौल उत्पन्न हुई थी।
अप्रत्यासीत भीड़ कों संभाल नहीं पायी जिला प्रशासन
आंदोलन कों रोकने जिला एवं पुलिस प्रशासन की व्यवस्था काफ़ी कमजोर नजर आयी, शायद प्रशासन कों इतनी भीड़ इकठ्ठा होने की उम्मीद नहीं थी। प्रदेश के लगभग सभी क्षेत्रों से सतनामी समाज के लोग वृहत संख्या में पहुंचे थे। बेरीकेट के सामने पहुंचने पर झूमाझटकी नारेबाजी हुई जिसको रोकने व भीड़ कों तीतर बितर करने के लिए लाठी चार्ज एवं आंसू गैस के गोले दागे गए जिस पर उपस्थित भीड़ उग्र हो गयी। अनियंत्रित भीड़ के सामने तैनात पुलिसकर्मी कम पड़ गए तथा उन्हें भीड़ के सामने से हटना पड़ा। धरमपुरा कांड कवर्धा , रसौटा कांड पलारी, जरहागांव कांड बिलासपुर,बोडसारा कांड, झुमका गांव कांड तथा सतनामी समाज के अधिकारीयों कर्मचारियों के साथ भेदभाव एवं प्रताड़ना से आहात सतनामी समाज की भीड़ ने बेरीकेट, दमकल की गाड़ियों में तोड़फोड़ करते हुए कलेक्टर परिसर में घुस गयी जहाँ बिल्डिंग में तोड़ फोड़ क़र वहाँ की गाड़ियों में आग लगा दी, गाड़ियों में विस्फोट के कारण देखते ही देखते कलेक्टर भवन कों भी लपेटे में ले लिया। बतादे की उक्त प्रदर्शन में एस पी कलेक्टर की सयुक्त भवन में तोड़फोड़ के साथ आगजनी होने से जिला प्रशासन कों भारी नुकसान हुआ है। परिसर में रखी दर्जनों निजी मोटर सायकल जलकर खाक हो गया साथ एस पी ऑफिस के सामने से लेकर पीछे के जाते तक भीषण आग लग गयी। उधर परिसर से 500 मीटर दूर तहसील कार्यालय में भी आग लगी जहाँ आधा दर्जन कार धू धू क़र जल गयी साथ ही बस स्टेण्ड के समीप स्थित सतनामी समाज के भवन परिसर में भी आग लगी है। दमकल की गाड़ियों लम्बे समय तक आग कों काबू करने में लगे रहें। जिला प्रशासन द्वारा इस आंदोलन कों हलके में लेकर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था न करने का खामियाजा यह रहा कि आंदोलन इतना हिंसक हो गया और सरकार को करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ा।