स्वास्थय विभाग की जादूगरी, अस्पताल एक नाम दो और घोटाले अनेक….

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हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : सरगुजा स्वास्थ्य विभाग में सब कुछ सही नही चल रहा हैं, स्वास्थ्य विभाग को स्वयं बैसाखी की आवश्यकता हैं, ऐसा दिन प्रतिदिन घट रही घटनाओं को देखकर मालूम पड़ता हैं। ऐसा ही एक खुलासा आज हम करने जा रहे हैं जहां जिसे वोट देकर गांधीनगर/ फुंदुरडिहारी की जनता ने मंत्री बनाया था उसी ने यहां की जनता की आंखों में धूल झोंक कर अपनी जेब भरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। स्वास्थ्य विभाग की इस कारीगरी का पता आज तक यहां की जनता को नही लग पाई हैं। जहां इस कारीगरी से पूर्व सीएमएचओ और नेता जी ने अपनी जेबें पूरी तरह से भर ली हैं। वही दूसरी ओर जनता के हाथ खाली हैं। एक झूठ छिपाने के लिए सौ झूठ बोलने पड़ते हैं आज वही हाल स्वास्थ्य विभाग सरगुजा का हैं जिसे एक झूठ को छिपाने के लिए सौ झूठ बोलने पड़ रहे हैं। दरअसल मामला प्रार्थमिक स्वास्थ्य केंद्र फुंदुरडिहारी का हैं जिसका कागजी निर्माण यहीं कोई पांच छह वर्ष पूर्व ही हो चुका हैं और इसका संचालन भी किया जा रहा हैं इस स्वास्थ्य केंद्र के सफल संचालन के लिए काफी नामी और योग्य डॉक्टरों की भी पदस्थापना की गई हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह हैं कि फुंदुरडिहारी क्षेत्र में ऐसा कोई भी स्वास्थ्य केंद्र मौजूद ही नही हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कारिस्तानी दिखाते हुए इस स्वास्थ्य केंद्र के लिए आए फंड से रामपुर में एक नहीं बल्कि दो भवनों का निर्माण फर्जी तरीके से कराया गया हैं और मंत्रालय से बिना अप्रूवल के ही प्रार्थमिक स्वास्थ्य केंद्र रामपुर का संचालन भी किया जा रहा हैं। आश्चर्य की बात यह रही की इस अस्पताल का संचालन प्रार्थमिक स्वास्थ्य केंद्र फुंदुरदिहारी के नाम से किया जाता हैं जहां पर्ची भी प्रार्थमिक स्वास्थ्य केंद्र फुंदुरडिहारी के नाम से ही कटती हैं।

दोनों प्रार्थमिक स्वास्थ्य केंद्र में की गई चिकित्सकों की पदस्थापना

इन अधिकारियों द्वारा एक और कारनामा कर दिया गया। इन भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा प्रार्थमिक स्वास्थ्य केंद्र रामपुर और प्रार्थमिक स्वास्थ्य केंद्र फुंदुरडिहारी के सफल संचालन के दोनों प्रार्थमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों की पदस्थापना भी कर दी गई।

स्वास्थ्य विभाग कर रहा मामले को दबाने की हर संभव कोशिश

वहीं जब इस मामले के संबंध में सीएमएचओ डॉ आरएन गुप्ता से जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उनके द्वारा हिंद स्वराष्ट्र को बताया गया की यह सब राजनीति के कारण हुआ हैं और अपने बेदाग छवि को बचाने के लिए सिविल सर्जन डॉ जेके रेलवानी से जानकारी लेने की बात कही गई। डॉ रेलवानी द्वारा मामले को दबाने का भरसक प्रयास किया गया और पिछले दो हफ्ते से बीएमओ आयुष जायसवाल से फाइल मंगा कर जानकारी देने की बात कहते हुए टालमटोल किया जा रहा हैं।

जब बीएमओ डॉ आयुष जायसवाल भी इस घोटाले में संलिप्त तो क्या जानकारी देंगे वो

आपको बता दें कि बीएमओ आयुष जायसवाल के उपर स्वास्थ्य विभाग की विशेष कृपा दृष्टि हमेशा बनी रहती हैं शायद यही कारण हैं कि उनको ही रामपुर और फुंदुरडिहारी दोनो प्रार्थमिक केंद्रों में पदस्थ किया गया। लेकिन आश्चर्य का विषय यह हैं कि जब रामपुर और फुंदुरडिहारी दोनों एक ही हैं तो वहां पदस्थ डॉ आयुष जायसवाल व अन्य डॉक्टरों और कर्मचारियों ने दो जगह ड्यूटी कैसे की???अब सवाल यह भी उठता हैं कि जब वे स्वयं इस घोटाले में संलिप्त हैं तो वे हिंद स्वराष्ट्र को इस संबंध में क्या जानकारी देंगे और उनके द्वारा दी गई जानकारी कितनी विश्वसनीय होंगी…..

इस मामले की कड़ी दर कड़ी पोल लगातार खुलती जा रही हैं। इस मामले में आगे भी पाठकों को और लेख पढ़ने को मिलेंगे। 

देखने की बात यह हैं की इस बड़े घोटाले के खुलासे के बाद इस मामले में आरोपियों पर क्या कार्यवाही होती हैं।

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