रायपुर : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) रायपुर ब्रांच की सामान्य सभा की बैठक हुई। बैठक में आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पतालों के पिछले कई महीनों से लंबित भुगतान को लेकर चर्चा की गई। बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से लंबित भुगतान मिलने तक आयुष्मान योजना के तहत इलाज करने की सहमति जताई हैं।
आइएमए के सदस्य प्रदेश के अन्य शाखाओं से बातचीत करेंगे, ताकि वित्तीय प्रबंधन के अभाव में सीमित काम करने या बंद करने पर विचार किया जा सके। प्रदेश के सात सौ निजी अस्पतालों के लगभग 800 करोड़ रुपये बाकी है। इन अस्पतालों को नवंबर से आयुष्मान योजना का भुगतान नहीं मिला है।
अस्पतालों में 150 से 175 करोड़ के बीच में आयुष्मान योजना से होता है इलाज
नियम के मुताबिक इलाज होने के 45 दिन बाद मिल जाना चाहिए, लेकिन लगभग पांच महीने का समय बीत जाने के बाद भी अस्पतालों को आयुष्मान योजना के पैसे नहीं मिले हैं। अस्पतालों में प्रतिमाह लगभग 150 से 175 करोड़ के बीच में आयुष्मान योजना से इलाज होता है।
आइएमए के अध्यक्ष डा. अनिल जैन, महासचिव डा. दिग्विजय सिंह ने कहा कि आइएमए रायपुर शाखा के पदाधिकारी पिछले चार महीनों में स्वास्थ्य मंत्री से दो बार और अतिरिक्त मुख्य सचिव रेणु पिल्ले से मुलाकात कर आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों के लंबित भुगतान के बारे में अवगत कर चुके हैं।
स्वास्थ्य मंत्री का जल्द भुगतान करवाने का आश्वासन
स्वास्थ्य मंत्री ने जल्द से जल्द भुगतान करवाने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक भुगतान नहीं हो पाया है। आइएमए गरीब व ज़रूरतमंद लोगों के इलाज के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन अनियमित भुगतान की वजह से कर्तव्य का पालन करने में दिक्कतें आ रही हैं।
हरियाणा और गुजरात में अस्पतालों ने अनियमित भुगतान की समस्या होने के कारण आयुष्मान योजना से मरीज़ों का इलाज पूर्णतया बंद कर दिया है। आयुष्मान योजना में आ रही लगातार कठिनाइयों को लेकर प्रदेश स्तर का डाक्टरों का एक प्रतिनिधिमंडल शासन स्तर पर अधिकारियों से मिलेगा।