हसदेव जंगल के तर्ज पर रेहण्ड जंगल में पेड़ों की दी गई बलि.. रेंजर पर क्यों नहीं हो रही कार्रवाई..?

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तीन दिन पहले फोन पर पार्क डीएफओ ने जांच करवाने की थी बात,लेकिन इस मामले में मिडिया को नहीं मिली अभी तक कोई जानकारी?बड़ा सवाल÷ क्या नेशनल पार्क के जंगल में सैकड़ों इमारती पेड़ उखाड़ने व भष्टाचार के मामले में अधिकारी कर पायेंगे रेंजर पर निष्पक्ष जांच व कार्यवाही?


हिंद स्वराष्ट्र भरतपुर गणेश तिवारी : लोकसभा चुनाव सामने हों और आदर्श आचार संहिता पुरे देश में लागू हो ऐसे में प्रशासन पर कोई राजनीतिक प्रतिबंध नहीं लगता और प्रशासन अपना काम स्वतंत्र कर सकती हैं यह माना जाता है लेकिन प्रशासन इतना भी स्वतंत्र न हो की आचार संहिता में बकायदा जेसीबी मशीन लगा कर जंगल में सैकड़ों हजारों इमारती पेड़ों की बलि बीना किसी जरुरत के मनमानी तरिके से स्वार्थ सिद्ध करने उजाड़ दिया जाए। ऐसा एक मामला हफ्ते भर से सुर्खियों में है और प्रिंट मीडिया में लगातार प्रकाशित भी हो रहा है कि चांदनी बीहारपुर क्षेत्र के रेहण्ड (महूली) जंगल गुरु घासीदास नेशनल पार्क में इमारती पेड़ों की किस कदर बली दिया गया। इस जंगल से सिर्फ पेड़ उखाड़ने नहीं बल्कि दुसरे विडियो में निर्माण कार्य में भष्टाचार करने का मामला भी सामने आ चुका है। परंतु विभागीय अधिकारी इस मामले में कुछ करने के बजाय कान में रुई डालकर बैठे हैं।



हसदेव के तर्ज पर रेहण्ड जंगल की बलि
गौरतलब हो कि महिनों पहले देश प्रदेश में चाहे प्रिंट मीडिया हो या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चाहे सोशल मीडिया हर तरफ हसदेव जंगल उजाड़ने की खबर खलबली माचाई हुई थी। राजनीति दलों में एक दुसरे पर लगातार आरोप लगाया जा रहा था परंतु जंगल उजड़ने से बचाने के लिए कोई कानून नहीं बनाया गया।
इसी के तर्ज पर अब नेशनल पार्क परिक्षेत्र महुली रेहण्ड जंगल से में जेसीबी मशीन लगा कर सैकड़ों हजारों इमारती पेड़ों को उखाड़ने की विडियो हफ्ते भर से वायरल हो रही और मिडिया में प्रकाशित भी हो रहा है लेकिन इस मामले में अब तक कोई जांच व कार्रवाई की खबर नहीं मिली है।

डीएफओ ने फोन पर जांच की कही बात
रेहण्ड जंगल से वायरल विडियो व सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रकाशित खबर के विषय में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान कोरिया के डीएफओ से फोन पर बात करने पर उन्होंने इस मामले में मौके पर टीम भेज कर जांच कराने की बात कही व जांच में मिली तथ्य के आधार पर संबंधित पर कार्रवाई की भी बात कही परंतु तीन दिन बीतने के बाद भी विभाग द्वारा मिडिया को इस संदर्भ में कोई जानकारी नहीं दी गई। जबकि तस्करी व पार्क परिक्षेत्र में आग लगने से हुए नुकसान के विषय में कोई जवाब नहीं दिया गया।

बड़ा सवाल  क्या नेशनल पार्क में उजाड़े गए पेड़ों व भष्टाचार के मामले में रेंजर पर होगी निष्पक्ष जांच व कार्यवाही?
बीहारपुर क्षेत्र के रेहण्ड जंगल महूली रेंज में सैकड़ों हजारों इमारती पेड़ों को जेसीबी मशीन से उखाड़ कर जंगल नष्ट करने की मानसिकता बनाने वाले रेंजर ललित साय पैकरा व उनके सहयोगी पर बड़ी कार्रवाई होगी यह सबसे बड़ा सवाल है। क्यों कि रेंजर ललित साय पैकरा ने न सिर्फ जंगल उजाड़ने का उद्देश्य बनाकर पेड़ उखड़वाया है बल्कि पार्क परिक्षेत्र में शासन की राशि में डांका डालने की मंशा से स्टांप डेम निर्माण कार्य व अन्य निर्माण कार्य में जंगल का दोहन कर पार्क परिक्षेत्र के संपत्ति को नुक़सान पहुचाते हुए भष्टाचार भी जमकर किया है और पार्क परिक्षेत्र में विकास की मंशा से आबंटित राशि का बंदरबांट भी किया है।
इतना ही नहीं रेंजर ललित साय पैकरा के प्रभार क्षेत्र में पार्क में आग लगने से जंगल की भारी मात्रा में संपत्ति भी नष्ट हुई है और जंगल काट कर लकड़ीयो की तस्करी भी जोरो से हुई है।
बरहाल इन गंभीर मामलों में विभागीय टीम कितना निष्पक्ष जांच करेगी या कार्यवाही रेंजर पर करेगी बड़ा सवाल है।
क्यों कि जिस तरह से जंगल में मनमानी तरिके से रेंजर द्वारा धड़ल्ले से जंगल खत्म करने की मंशा बनाया है ऐसे में संबंधित विभाग कितना निष्पक्ष रहेगा देखने वाली बात होगी।

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