सूरजपुर : सेंट्रल बैंक की जिला मुख्यालय स्थित महगवां शाखा में दर्जन भर से अधिक खाताधारकों द्वारा जमा करने के लिए दी गई 20 लाख रुपये से अधिक रकम को फर्जी ढंग से जमा करना दर्शाकर धोखाधड़ी करने के मामले में फरार आरोपित बैंक के व्यवसायिक प्रतिनिधि अभिषेक प्रताप सिंह को कोतवाली पुलिस ने अंततः गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर ली है।
बता दें कि सेंट्रल बैंक की सूरजपुर स्थित महगवां शाखा में लंबे समय से रकम जमा करने वाले ग्रामीण खाता धारक जब दिसंबर माह में बैंक की शाखा से रकम आहरण करने पहुंचे, तब उन्हें पता चला कि उनके बैंक खाते में पूर्व में जमा की गई राशि जमा ही नहीं है। इसकी बैंक उपभोक्ताओं ने शिकायत बैंक प्रबंधन व कोतवाली पुलिस से की थी। उक्त आशय का पता चलने पर बैंक प्रबंधन में हड़कंप मच गया था। मामले की शिकायत पीड़ित खाता धारक बालनारायण पिता स्वर्गीय रामसाय एवं सुभद्रा पति बालनारायण निवासी ग्राम उचडीह चौकी बसदेई समेत सोनिया साहू पति राजा राम साहू निवासी ग्राम नवापारा बंजा चौकी बसदेई, राजाराम साहू पिता सोभनाथ साहू निवासी ग्राम नवापारा बंजा, सुखमनिया केवट पति राजेंद्र केवट निवासी ग्राम नमदगिरी, नसीम खान पिता अइमुद्दीन निवासी नवापारा व कलावती ने सूरजपुर कोतवाली थाना में करते हुए कार्रवाई की मांग की थी।
शिकायत के मुताबिक बाल नारायण के बैंक खाते से 4.60 लाख रुपये समेत सुभद्रा के खाते से दो लाख रुपये, कलावती के खाते से ढाई लाख रुपये, राजाराम साहू के खाते से 22 हजार रुपये, सोनिया साहू के खाते से 40 हजार रुपये व सुखमनिया केवट के खाते से दस हजार रुपये गायब होने की जानकारी प्रकाश में आई थी। बताया जा रहा था कि दो दर्जन से अधिक खाता धारकों के बैंक खाते से 40 लाख रुपये से अधिक की गड़बड़ी हुई है। उक्त आशय का पता चलने पर सेंट्रल बैंक के रीजनल ऑफिस अंबिकापुर के पैनल अधिवक्ता धनंजय मिश्रा ने बैंक की सूरजपुर शाखा के व्यावसायिक प्रतिनिधि अभिषेक प्रताप सिंह के विरुद्ध बैंक के 14 उपभोक्ताओं से छलपूर्वक 20 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने की रिपोर्ट दिसंबर माह में कोतवाली थाना सूरजपुर में दर्ज कराई थी। इस बीच सूचना मिलने पर कोतवाली पुलिस ने फरार आरोपित अभिषेक प्रताप सिंह पिता विजय कुमार सिंह निवासी ग्राम खोड़ थाना ओड़गी को घेराबंदी कर धारा 420, 419, 467, 468, 471 के तहत गिरफ्तार कर लिया है। इस कार्रवाई में थाना प्रभारी विमलेश दुबे, उपनिरीक्षक संदीप कौषिक, पीयूष चन्द्राकर, प्रधान आरक्षक विवेकानंद सिंह, इसित बेहरा, आरक्षक सुशील मिंज, रामप्रसाद पैकरा, महिला आरक्षक नीता भण्डारी सक्रिय रहे।
धोखाधड़ी के पैसे से जमीन, मकान व ट्रैक्टर खरीदा-
पुलिस को दिए बयान में आरोपित ने बताया कि बैंक में जो ग्राहक जमाकर्ता पैसे जमा करने के लिए आता था। उसका जमा पर्ची में बैंक का सील लगाकर अपना हस्ताक्षर कर पावती दे देता था और पैसे को अपने पास रख लेता था। जमाकर्ताओ से जो रकम मिली थी उस पैसे से गांव में अपने पिता विजय कुमार के नाम से जमीन खरीदना बताया है। इसके अलावा मकान व दुकान भी बनाया है। चाचा विष्णु बलि के नाम से ट्रैक्टर खरीदने में पैसे की मदद की है। पुलिस ने ट्रैक्टर एवं सेंट्रल बैंक का सील को गवाहों के समक्ष जब्त किया है।
14 ग्राहकों से 20 लाख से अधिक की हुई धोखाधड़ी
मामला प्रकाश में आने के बाद सेंट्रल बैंक के अंबिकापुर स्थित रीजनल ऑफिस से मुख्य प्रबंधक नीरज गोस्वामी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। प्राथमिक जांच में पाया गया था कि सेंट्रल बैंक की महगंवा शाखा सुरजपुर में व्यावसायिक प्रतिनिधि के रूप में कमीशन एजेंट का काम करने वाले अभिषेक प्रताप सिंह पिता विजय कुमार सिंह निवासी ग्राम खोंड ओड़गी द्वारा 14 बैंक उपभोक्ताओं से बैंक में राशि जमा करने के नाम से 20 लाख 57600 रुपए की धोखाधड़ी की गई है। उनसे रकम लेकर रकम को बैंक में जमा करने के बजाय फर्जी पावती रसीद उन्हें दी गई है।