शहर के नजदीक गांव में घुसे दो हाथी,महुआ बिनने गई महिला को किया जख्मी…

0

अंबिकापुर। अंबिकापुर शहर के नजदीक ग्राम खलीबा में शनिवार की भोर में दो हाथी घुस गए। हाथियों के विचरण की खबर लगते ही गांव में अफरातफरी मच गई। बीच बस्ती से होते हुए दोनों हाथी आगे बढ़े। एक महिला महुआ संग्रहण में लगी थी। अचानक हाथी पहुंच गए। इसके पहले की महिला वहां से भाग पाती एक हाथी ने उसे सूड़ से उछाल दिया। दोनों हाथी वहां नहीं रुके और तेजी से बढ़ गए इस कारण महिला की जान नहीं गई। उसका एक पैर टूट गया है। आनन-फानन में महिला को मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती किया गया। दिन भर बस्ती से दूर जमे हाथी शाम होते ही फिर बस्ती के समीप आ गए। हाथियों के स्वच्छंद विचरण से ग्रामीणों में भय का माहौल है।

पिछले कई दिनों से सरगुजा व सूरजपुर जिले की सीमा पर कल्याणपुर जंगल में दो हाथियों की उपस्थिति थी। जंगल में चारा पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण दोनों हाथी शाम को जंगल किनारे के खेतों में उतर रहे थे। फसलों को नुकसान पहुंचाने के बाद हाथी सुबह होने से पहले ही जंगल में लौट जा रहे थे लेकिन शुक्रवार की शाम जंगल से बाहर निकलने के बाद हाथी वापस नहीं लौटे। चारा-पानी की तलाश में दोनों हाथी आगे बढ़ गए। सकालो ,किशुननगर के बाहरी क्षेत्र में फसलों को नुकसान पहुंचाकर दोनों हाथी भोर में खलीबा बस्ती में प्रवेश कर गया। उस समय सुबह के चार बज रहे थे। हाथियों की उपस्थिति से बेखबर कुछ गांव वाले बाहर निकले थे। हाथियों के विचरण की जानकारी मिलते ही गांव में अफरातफरी मच गई।

लोग हाथियों के गुजरने वाले रास्ते से दूर उन्हें खदेड़ने के लिए शोर मचाने लगे। दोनों हाथी खलीबा की मुख्य बसाहट में बिना रुके और किसी प्रकार का नुकसान किए बगैर आगे बढ़ते चले गए इस कारण सभी ने राहत की सांस ली। बस्ती के किनारे बांध के पास रुके हाथियों को देखने ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई।प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मेंडरा गांव की महिला भिखनी बाई (62)भोर में महुआ संग्रहण में लगी थी। लोगों ने उसे सतर्क भी किया। उसे ठीक से सुनाई नहीं देता था। अचानक हाथी वहां पहुंच गए। महिला भाग नहीं पाई। हाथियों से सामना होते ही वह डर से भागने का प्रयास की लेकिन एक हाथी ने उसे पटक दिया। गनीमत थी कि हाथियों ने आगे बढ़ने के कारण महिला को पलट कर नहीं देखा। हाथियों के आगे बढ़ जाने के बाद ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे। घायल महिला को मेडिकल कालेज अस्पताल पहुंचाया। काफी देर तक बांध के आसपास विचरण करने के बाद दोनों हाथी ग्राम कुल्हाड़ी की ओर चले गए हैं।

चारा-पानी के जुगाड़ में आबादी क्षेत्रों के समीप पहुंचते हैं हाथी

वन विभाग के कर्मचारियों को हाथियों की निगरानी में लगाया गया है। गांववालों को जंगल नहीं जाने की समझाइश दी जा रही है। इस क्षेत्र में पहले भी हाथी आते रहे हैं। खासकर गर्मी के सीजन में जंगल में चारा-पानी की कमी हो जाने पर हाथी आबादी क्षेत्र की ओर प्रवेश करते हैं। यह क्षेत्र सब्जी उत्पादक भी है। बड़े रकबे में किसानों ने गन्ना की खेती भी की है। हाथी अभी भी पास में ही हैं इसलिए गांववालों को सतर्क रहने कहा गया है।

शाम को फिर वापस लौट आए हाथी

हाथियों के व्यवहार के अध्ययन से पता चलता है कि जंगली हाथियों का दिन में मूवमेंट नहीं होता है। शाम होते ही हाथी जंगल से बाहर निकलते है। खलीबा बस्ती में घुसे हाथी शनिवार की सुबह कुलहाड़ी जंगल की ओर जा रहे थे। दिन भर गांव में भय मिश्रित कौतूहल का वातावरण बना रहा। शाम को हाथी जंगल की ओर से फिर बस्ती के नजदीक आ गए थे। रेंजर निखिल पैकरा ने बताया कि ग्रामीणों को सतर्क किया गया है। वन कर्मचारी भी हाथियों की निगरानी में लगे हुए हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here