मेडिकल बिल में रिश्वतखोरी : जांच कमेटी अध्यक्ष डॉ रेलवानी को बदलने की मांग…

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हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : चिकित्सा प्रतिपूर्ति (मेडिकल क्लेम) बिल स्वीकृत करने के एवज में रिश्वतखोरी का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। लंबे समय से सामने आ रही शिकायतों के बाद भी अधिकारी इसे दबाते रहे हैं। अब सार्वजनिक रूप से रिश्वतखोरी की शिकायत करने वालों को ही इसे प्रमाणित करने दबाब बनाकर जिम्मेदार अधिकारी रिश्वतखोरी मामले को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने शासकीय सेवकों के हित में अब जांच कमेटी के अध्यक्ष डॉ जे.के.रेलवानी को ही बदलने की मांग शुरू कर दी थी। इसके पीछे कई कारण भी है। दरअसल पिछले दिनों संघ की ओर से एक लिखित शिकायत की गई थी। एक महिला स्वास्थ्य कर्मचारी के चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिल को पास करने के एवज में रिश्वत लेने का उल्लेख किया गया था। शिकायत की जांच के लिए मेडिकल कालेज के अस्पताल अधीक्षक ने जांच कमेटी का गठन किया था। छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के संभागीय अध्यक्ष अनिल पांडेय व जिलाध्यक्ष धनेश प्रताप सिंह ने बताया कि मामले की निष्पक्ष जांच करने के बजाय रिश्वतखोरी को बढ़ावा देने की मंशा से जांच कमेटी के अध्यक्ष ने शिकायतकर्ता महिला कर्मचारी को फोन कर दबाब बनाना शुरू किया। संघ का दावा है कि जांच कमेटी के अध्यक्ष ने शिकायतकर्ता महिला कर्मचारी से कहा कि अगर रिश्वत दिए हो तो इसका प्रमाण भी देना पड़ेगा। यदि प्रमाण नहीं दिए तो झूठी शिकायत पर कार्रवाई भी हो सकती है। विभाग के ही अधिकारी द्वारा फोन कर धमकी भरे अंदाज में फोन करने से महिला कर्मचारी मानसिक रूप से परेशान हो चुकी है। इस परिस्थिति में रिश्वतखोरी की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती। इसलिए संघ ने जांच कमेटी के अध्यक्ष को हटाने और संभव हो तो किसी प्रशासनिक अधिकारी की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित करने की मांग की है।

रिश्वत देने वाले दो शासकीय कर्मचारी बयान देने तैयार

चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिल पारित करने के एवज में रिश्वतखोरी को प्रमाणित करने के लिए दो शासकीय सेवक सामने आए हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने इन दोनों कर्मचारियों का बयान दर्ज कराने का आग्रह किया है। इनमें से एक सहायक प्राध्यापक तो दूसरे शिक्षा विभाग से जुड़े हैं। इनसे क्रमशः 75 हजार और 10 हजार की रिश्वत ली गई है। इन दोनों शिकायकर्ताओं के सामने आने से रिश्वतखोरी का यह मामला उजागर हो जाएगा इसलिए पूरी कोशिश हो रही है कि प्रकरण को दबा दिया जाए। रिश्वत का हिस्सा जिम्मेदार अधिकारियों में भी बंटवारा होने का आरोप है इसलिए सच उजागर करने विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी रुचि नहीं ले रहे है।

संभागीय आपात बैठक में बनेगी अग्रिम रणनीति

सरगुजा जिले में चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिल पास करने के बदले रिश्वतखोरी को लेकर घटित हालिया घटनाक्रम को देखते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की संभागीय आपात बैठक 10 मार्च रविवार को होटल हरिमंगलम में दोपहर 12 बजे से आयोजित की गई है। इसमें संभाग, जिला और ब्लॉक स्तर के सभी पदाधिकारी के साथ-साथ कार्यकारी प्रांताध्यक्ष रविंद्र तिवारी भी उपस्थित रहेंगे। बैठक में संगठन की गतिविधियों, स्वास्थ्य कर्मचारियों की लंबित मांग एवं संभाग में स्वास्थ्य कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण को लेकर अग्रिम रणनीति तैयार की जाएगी। इस बैठक में चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिल पारित करने के विरुद्ध पैसा लेनदेन की शिकायतों पर सभी से चर्चा के बाद निष्पक्ष जांच नहीं होने की स्थिति में आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी।

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