श्रीराम लला दर्शन का जिले वासियों को मिलेगा लाभ, प्रथम चरण में 55 वर्ष अथवा उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों को प्राथमिकता….

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हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : छत्तीसगढ़ सरकार के बहुप्रतीक्षित श्रीरामलला दर्शन ;अयोध्या धामद्ध योजना का लाभ लेने के लिए स्थानीय निवासियों द्वारा आवेदन जमा करना शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा स्थानीय निवासियों को अयोध्या धाम यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु शासकीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से श्रीराम लला दर्शन यात्रा योजना लागू की गई है। श्री रामलला दर्शन योजना में क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा कलेक्टरों को विस्तृत दिशा.निर्देश जारी किए गए हैं। जिले में कलेक्टर श्री विलास भोस्कर के निर्देश पर आवेदन लेने हेतु आवश्यक कार्यवाही शुरू कर दी गई है।आवेदन के साथ जमा करने होंगे आवश्यक दस्तावेज
अयोध्या धाम जाने हेतु इच्छुक यात्रियों से ग्राम पंचायत तथा नगरीय निकायों में आवेदन लिए जा रहे हैं। आवेदन स्पष्ट हिंदी भाषा में ही भरे जाने हैं। साथ ही आवश्यक दस्तावेजों में 3.5 बाई 3.5 सेमी साइज की नवीनतम रंगीन फोटो प्रथम पृष्ठ पर, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, विद्युत देयक मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड या फिर शासन द्वारा स्वीकार्य कोई अन्य प्रमाण पत्र जमा करना होगा।
प्रथम चरण में इन भक्तों को मिलेगी प्राथमिकता
जिले के इच्छुक आवेदनकर्ता में प्रथम चरण में 55 वर्ष अथवा उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों को प्राथमिकता के साथ चयन किया जाएगा। इस योजना में भाग लेने वाले की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष व अधिकतम 75 वर्ष होगा। 75 प्रतिशत हितग्राही ग्रामीण क्षेत्रों से तथा 25 प्रतिशत शहरी क्षेत्र के होंगे। प्राप्त आवेदनों में उपलब्ध कोटे के अनुसार यात्रियों का चयन किया जाएगा। साथ ही निर्धारित कोटे से अधिक संख्या में आवेदन प्राप्त होने की स्थिति में यात्रियों का चयन लॉटरी द्वारा किया जाएगा। कोटे के 25 प्रतिशत अतिरिक्त व्यक्तियों की प्रतीक्षा सूची भी तैयार की जाएगी। चयनित यात्री यात्रा पर नहीं जाने की स्थिति में प्रतीक्षा सूची में सम्मिलित व्यक्ति को यात्रा पर भेजने की व्यवस्था होगी। चयनित यात्रियों एवं प्रतीक्षा सूची को कलेक्टर कार्यालय, संबंधित ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकाय के बोर्ड पर चस्पा किया जाएगा। केवल वही व्यक्ति यात्रा में शामिल हो सकेंगे जिनका चयन हुआ है अनाधिकृत व्यक्ति को नहीं ले जाया जाएगा। विभाग के दिशा-निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि 65 वर्ष से अधिक आयु के ऐसे व्यक्ति, जिसने अकेले यात्रा हेतु आवेदन किया होए उन्हें अपने साथ एक सहायक को यात्रा पर ले जाने की पात्रता होगी। पति-पत्नी में से किसी एक का नाम यात्रा के लिए चुना जाता है तो उसका जीवन साथ भी यात्रा पर साथ जाने की पात्रता होंगे।
कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति का गठन.
जारी निर्देशानुसार श्री रामलला दर्शन यात्रा योजना के तहत यात्रा के लिए हितग्राहियों का चयन एवं अन्य कार्य संपादन के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है। योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक श्री दिलीप कुमार राय को जिला स्तरीय नोडल बनाया गया है। श्री रामलला दर्शन योजना के तहत यात्रा की तिथियां और जरूरी जानकारी समय से पहले यात्रियों को दी जाएगी। समिति द्वारा आवश्यक जानकारियां, शिकायत, समस्याओं का निराकरण एवं व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार सहित ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकायों से चयनित हितग्राहियों को जिला स्तर पर एकत्रित करने के अलावा हितग्राहियों के स्वास्थ्य परीक्षण, टिकिट मुहैया व स्टेशन तक पहुंचाने की व्यवस्था की जिम्मेदारी होगी।
170 श्रद्धालु श्री रामलला दर्शन योजना में होंगे शामिल
संभाग स्तर पर प्रत्येक यात्रा में यात्रियों की कुल संख्या 850 निर्धारित है। जो अधिकतम 01 हजार तक होने की संभावना है। प्रत्येक यात्रा में सरगुजा जिले से लगभग 170 श्रद्धालु श्री रामलला दर्शन (अयोध्या धाम) योजना में शामिल होंगे।
मेडिकल सर्टिफिकेट देना होगा .
यात्रियों के मेडिकल सर्टिफिकेट के अभाव में कोई यात्रा हेतु यात्री रवाना नहीं हो सकेगा। ब्लड ग्रुप, ब्लड प्रेशर, अस्थमा, एलर्जी, मधुमेह आदि का भी उल्लेख करना होगा ताकि यात्रा के दौरान मेडिकल सहायता की आवश्यकता होने पर मदद की जा सके। यात्री अपने स्वास्थ्य संबंधी दवाइयां स्वयं रखेंगे। यात्रा हेतु चिकित्सक द्वारा शारीरिक व मानसिक रूप से सक्षम होने का प्रमाण देंगे। मेडिकल टेस्ट में अनफिट पाए जाने गए यात्रियों के स्थान पर प्रतीक्षा सूची में शामिल व्यक्तियों को भेजने की व्यवस्था की जाएगी। पर्यटन विभाग द्वारा जारी निर्देश में बताया गया है कि श्रीरामलला दर्शन (अयोध्या धाम) के तहत जाने वाले या़त्री अपने साथ महंगे आभूषण, गहने आदि ले जाने पर प्रतिबंध होगा। यात्रियों को ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े रखने तथा सामान की सुरक्षा स्वयं करने की हिदायत दी गई है। तीर्थ स्थल पर जाने वाले यात्रियों से मर्यादा के अनुसार आचरण करने तथा वेशभूषा शालीन एवं पारंपरिक रखने भी कहा गया है।

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