हिंद स्वराष्ट्र रायपुर : छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले और शराब घोटाले के बाद अब दो और अन्य मामलों में बड़ा अपडेट सामने आया है। इस मामले की जांच कर रही ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने एसीबी (Anti Corruption Bureau) में एफआईआर दर्ज कराई थी कोल और शराब घोटाले के मामलों को लेकर। अब चावल और डीएमएफ में भी एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
ऐसे में अब पूर्व की सरकार में रहे कुछ बड़े नेता और मंत्री भी इसकी जद में आ सकते है। वही अगर मामले के बारे में बात करें तो ईडी ने दावा किया था कि छत्तीसगढ़ ‘मार्कफेड’ के पूर्व प्रबंध निदेशक और एक स्थानीय चावल मिल मालिक एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने ‘ऊंचे पदों पर बैठे लोगों के फायदे’ के लिए 175 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी। डीएमएफ फंड घोटाले में एफआईआर नंबर 01/2024 में धारा- 120-B-IPC, 409-IPC, 13(2)-PRE, 13(1)(a)-PRE और चावल घोटाले में 02/2024 में धारा 120-B-IPC, 420-IPC, 12-PRE के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
इससे पहले छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की शिकायत पर कथित कोयला लेवी और शराब घोटालों के संबंध में दो एफआईआर दर्ज की थी। दरअसल, ईडी इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की पहलू से जांच कर रही है, बता दें कि इस FIR में कई कांग्रेस नेताओं सहित 70 लोगों के नाम शामिल हैं। जबकि 35 लोगों को कथित कोयला लेवी घोटाले में नामित किया गया है।
इन पर दर्ज हुई FIR
कोयला लेवी घोटाले मामले में दर्ज FIR में 35 आरोपियों में पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, पूर्व विधायक यू.डी. मिंज, गुलाब कमरो, चंद्रदेव प्रसाद राय, शिशुपाल सोरी और बृहस्पत सिंह, IAS अधिकारी समीर बिश्नोई और रानू साहू समेत मुख्यमंत्री कार्यालय में तत्कालीन उप सचिव सौम्या चौरसिया शामिल हैं।
जबकि शराब घोटाले मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, कांग्रेस नेता अनवर ढेबर और अन्य 70 लोगों और कंपनियों को नामित किया गया है।