एक ऐसा काल्पनिक पात्र जो बन गया निर्माण एजेंसी और कर दिया लाखों का घोटाला, जिसकी तलाश में सभी लेकिन वो हैं कहां???

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हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : सरगुजा जिले में हुए करोड़ों रुपए के घोटालों से धीरे धीरे पर्दा उठने लगा हैं। जहां एक ओर उनके काले कारनामें सामने आने से भ्रष्ट अधिकारियों के सांस फूल रहे हैं वही दूसरी ओर सफेदपोश इनके संरक्षक उन्हे हर संभव बचाने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं। हिंद स्वराष्ट्र द्वारा लगातार इन घोटालों का पर्दाफांस किया जा रहा हैं। इसी क्रम में आज हम आपको जनपद पंचायत अंबिकापुर में हुए एक घोटाले की खबर दिखाने जा रहे हैं जहां पेवेलियन और बाउंड्रीवाल निर्माण समेत अन्य कार्यों के नाम पर लाखों रुपयों का गबन कर लिया गया। जबकि धरातल पर कोई कार्य नहीं किया गया हैं। आश्चर्य की बात यह है कि इन भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा कलेक्टर सरगुजा कुंदन कुमार के आदेश को भी तांक पर रखते हुए लाखों रुपए के घोटाले को अंजाम दिया।

क्या हैं मामला

ग्राम पंचायत करजी में स्टेडियम के पेवेलियन निर्माण, बाउंड्री वॉल निर्माण और सिटिंग गैलरी निर्माण के कार्य के लिए कार्यालय कलेक्टर द्वारा आई.ए.पी योजना के तहत 59.35 लाख रुपए प्रशासकीय राशि स्वीकृत की गई और निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत करजी को बनाया गया। वही दूसरी ओर जनपद पंचायत अंबिकापुर द्वारा निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत करजी को न बनाकर धनेश राम ढीढ़ी को बना दिया गया। किसी व्यक्ति को निर्माण एजेंसी कैसे बना दिया गया यह तो विचारणीय तथ्य हैं…जनपद पंचायत अंबिकापुर के तत्कालीन सीईओ एस. एन. तिवारी द्वारा न केवल धनेसराम ढीढी को निर्माण एजेंसी बनाया गया बल्कि कार्य का भुगतान भी कर दिया। इस घोटाले में केवल इन दोनो का हाथ नही था बल्कि आश्चर्य की बात यह हैं कि इस घोटाले में इनका साथ इंजीनियर डी.आर. ढीढ़ी और एसडीओ उपेंद्र कुमार सेंगर द्वारा दिया गया। इन दोनो भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा जो कार्य हुआ ही नहीं उसका मूल्यांकन कर दिया गया और एसडीओ सेंगर द्वारा मांग पत्र लिखकर कार्य के लिए अगले क़िस्त के पैसे मंगाए गए जबकि निर्माण कार्य किया ही नहीं गया। अब सवाल यह उठता हैं कि जब निर्माण एजेंसी से ग्राम पंचायत करजी को हटाकर धनेश राम ढीढ़ी को बनाया गया और यह धनेश राम अगर काल्पनिक पात्र है तो काल्पनिक पात्र द्वारा कार्य कैसे किया गया और सरकार से पैसे कैसे लिए गए??

जिला प्रशासन से किया गया शिकायत पर आज पर्यंत नही हुई मामले की जांच

इस मामले में हुए पूरे घोटाले के सारे साक्ष्य एकत्रित करने के बाद ए.एन. पाण्डेय द्वारा कलेक्टर से मामले की शिकायत की गई लेकिन बावजूद इसके आज पर्यंत इस मामले की जांच हो पाई हैं और न ही दोषियों पर कोई कार्यवाही हो पाई हैं। ए. एन. पाण्डेय द्वारा इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना किए जाने का आरोप जिला प्रशासन और जिला कलेक्टर पर लगाए हैं। उनका कहना हैं कि कलेक्टर द्वारा जांच के आदेश दिए गए थे और 3 दिन में जांच रिपोर्ट मांगी गई थी लेकिन 14 महीने हो जाने के बावजूद आज पर्यंत जांच रिपोर्ट नहीं आई हैं। बावजूद इसके कलेक्टर द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही हैं।

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