विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल में शामिल हुए 9 मंत्री, पूर्व सरपंच से लेकर आईएएस तक सभी वर्गो को मिली जगह….

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हिंद स्वराष्ट्र रायपुर : छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री द्वय अरुण साव और विजय शर्मा के बाद मंत्रिमंडल में नौ मंत्रियों को शामिल किया गया है। इन नौ मंत्रियों में पांच नए चेहरे हैं, वहीं चार पूर्व मंत्रियों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है।


आठवीं बार विधायक रह चुके बृजमोहन पांचवीं बार बने मंत्री
रायपुर दक्षिण से विधायक बृजमोहन अग्रवाल आठवी बार के विधायक हैं। वह अविभाजित मध्यप्रदेश में पटवा सरकार में मंत्री रहे, इसके बाद रमन सरकार के तीनों कार्यकाल में मंत्री रह चुके हैं। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी महंत रामसुंदर दास को रिकार्ड 67,919 मतों के अंतर से हराया। बृजमोहन अग्रवाल अविभाजित मध्य प्रदेश में भी भाजपा सरकार में मंत्री का पद संभाल चुके हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा द्वारा उन्हें सर्वश्रेष्ठ विधायक का पुरस्कार भी प्रदान किया गया है। अग्रवाल ने मात्र 16 साल की उम्र में ही 1977 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्यता ले ली थी। वर्ष 1981 और 1982 के दौरान वे छात्रसंघ के अध्यक्ष भी रहे। 1984 में वे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बने। 1988 से 1990 तक वे भाजयुमो के युवा मंत्री भी रहे। 1990 में वे पहली बार मध्यप्रदेश विधानसभा में विधायक चुनकर आए। वे राज्य के सबसे युवा एमएलए थे। इसके बाद से 1993, 1998, 2003, 2008, 2013, 2018 और 2023 में वे विधायक चुने गए।

केदार कश्यप को मिला मौका
कद्दावार आदिवासी नेता और पूर्व सांसद स्व. बलीराम कश्यप के बेटे हैं। केदार कश्यप भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। बस्तर ब्लॉक में जनपद सदस्य रह चुके केदार कश्यप 2003 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए, 2008 में दूसरी एवं 2013 में तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए। 2003 में केदार कश्यप पहली बार विधायक निर्वाचित हुए। पहली बार विधायक निर्वाचित होने के साथ ही वे राज्य मंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी के स्वतंत्र प्रभार में रहे। 2008 में विधायक निर्वाचित होने के बाद आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग छत्तीसगढ़ शासन के मंत्री रहे। 2013 में जीत हासिल करने के बाद मंत्री आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास, पिछडा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्री बने।

लखनलाल देवांगन बने मंत्री
कोरबा विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार विधायक बने लखनलाल देवांगन मंत्री बने हैं। लखनलाल ने अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत पार्षद पद से की थी, वर्ष 2005 में पहली बार कोरबा नगर निगम के महापौर के रूप में चुने गए थे। देवांगन ने 2013 चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बोधराम कंबर को हराकर कटघोरा से विधायक बने। इस दौरान डॉ. रमन सिंह की सरकार में संसदीय सचिव (राज्य मंत्री रैक) बने। वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में हार गए। इसके बाद वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में लखनलाल देवांगन कोरबा विधानसभा से चुनाव लड़ा और तीन बार के विधायक व राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल को परास्त किया हैं।

रामविचार नेताम को फिर बने मंत्री
छठवीं बार विधायक निर्वाचित हुए भाजपा के कद्दावर नेता रामविचार नेताम विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल में स्थान पाने में सफल हुए हैं। रामविचार नेताम राज्यसभा के सदस्य और भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके है। रामविचार नेताम रामानुजगंज विधानसभा सीट से कांग्रेस के डा. अजय तिर्की को पराजित कर लगातार छठवीं बार विधायक बने हैं।

विधायक बनते ही लक्ष्मी रजवाड़े को मिला मंत्री पद

सूरजपुर जिले के भटगांव विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक निर्वाचित हुई लक्ष्मी राजवाड़े को अब मंत्री बनाया गया हैं। सूरजपुर जिले के भैयाथान विकासखंड अंतर्गत ग्राम वीरपुर की लक्ष्मी राजवाड़े पहली बार जनपद सदस्य के पद पर निर्वाचित हुई थीं। पिछले पंचायत चुनाव में उन्होंने जिला पंचायत सदस्य का चुनाव भी जीता था। वर्तमान में जिला पंचायत सूरजपुर के सदस्य के अलावा वे भाजपा महिला मोर्चा सूरजपुर की जिला अध्यक्ष भी हैं। लक्ष्मी राजवाड़े ने अपने पहले ही चुनाव में दो बार के विधायक कांग्रेस के पारसनाथ राजवाड़े को 43 हजार से अधिक मतों से पराजित किया है।

दूसरी बार विधायक बने श्याम बिहारी जायसवाल
विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल का हिस्सा बने श्याम बिहारी जायसवाल सरगुजा संभाग के मनेन्द्रगढ़ विधानसभा से दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। अविभाजित कोरिया जिले में भाजपा के बड़े चेहरे श्याम बिहारी जायसवाल पूर्व में जनपद पंचायत खड़गवां के अध्यक्ष भी रह चुके है। भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष रह चुके जायसवाल ने वर्ष 2013 के चुनाव में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे। 2018 के चुनाव में हार के बाद 2023 विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के रमेश सिंह को पराजित कर जीत हासिल की हैं।

आईएएस से मंत्री बने ओपी चौधरी
2005 बैच के आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी केवल 22 साल में आईएएस बने और 36 साल की उम्र में 2018 में रायपुर कलेक्टर रहते हुए नौकरी छोड़ी थी। उसी साल भाजपा में प्रवेश कर खरसिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश नायक को हराया हैं।

पूर्व मंत्री दयाल दास को दुबारा मिला मौका
विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल का हिस्सा बने अनुसूचित जाति से जुड़े दयालदास बघेल ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत सरपंच के पद से की थी। दयालदास बघेल वर्ष 2003 में नवागढ़ विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे। इसके बाद वर्ष 2008 एवं 2013 में भी विधायक चुने गए। वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी गुरु रुद्र कुमार को पराजित किया।

शिक्षक से अब मंत्री होंगे टंकराम वर्मा
विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल का हिस्सा बने बलौदाबाजार से भाजपा विधायक टंकराम वर्मा ने एलएलबी की पढ़ाई की हैं। विधायक बनने से पहले वे बलौदा बाजार जिला ग्रामीण भाजपा अध्यक्ष थे। क्षेत्र में रामायण व भागवत कथा करवाने के नाम से टंकराम वर्मा को ख्याति मिली हुई है। कुर्मी समाज से आने वाले टंकराम वर्मा ने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ते हुए कांग्रेस प्रत्याशी शैलेश नितिन त्रिवेदी को 14 हजार से अधिक मतों से हराया है।

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