मौत से पहले दिया आवेदन, दर्ज कराया बयान लेकिन सूरजपुर पुलिस को नहीं मिल रहा प्रताड़ना का कोई प्वाइंट….आखिर क्यों???

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हिंद स्वराष्ट्र सूरजपुर : सूरजपुर के दुर्गाबाड़ी में 12 अगस्त को अपने मालिक और पत्नी की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या मामले में मृतक के परिजनों को आज 3 1/2 महीने बीत जाने के बाद भी न्याय दिला पाने में जिले की पुलिस नाकामयाब रही हैं। मृतक के परिजन न्याय की उम्मीद लेकर दर दर भटक रहे हैं। जिले की पुलिस से न्याय नहीं मिल पाने के बाद परिजनों द्वारा मामले की शिकायत पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज से की गई। आईजी के आदेश के बाद मृतक के परिजनों का दुबारा बयान सीएसपी ऑफिस सूरजपुर में दर्ज करवाया गया है। इस मामले में सूरजपुर पुलिस ने बताया हैं कि मामले में प्रताड़ना का कोई प्वाइंट नही मिल रहा हैं…सोचने की बात यह हैं कि सूरजपुर पुलिस के लिए मृतक के परिजनों का बयान कोई मायने नहीं रखता लेकिन सवाल यह उठता हैं कि जब मृतक द्वारा मृत्यु से पूर्व ही कैलाश अग्रवाल के खिलाफ एसडीएम ऑफिस और आजाक थाने में जब आवेदन दिया गया और सिर्फ आवेदन ही नहीं बल्कि अपना बयान भी सीएसपी ऑफिस और आजाक थाने में दर्ज करवाया जा चुका था तो फिर पुलिस जांच में प्रताड़ना का प्वाइंट कैसे नही आ रहा हैं???

क्या हैं मामला

ग्राम केरता प्रतापपुर निवासी राजेंद्र सिंह सूरजपुर में पिछले 3 वर्षों से अपने परिवार के साथ कैलाश अग्रवाल के गोदाम में रहकर ड्राइवर का कार्य करता था। राजेंद्र द्वारा 30 जून को एसडीएम ऑफिस में कैलाश अग्रवाल के खिलाफ कई संज्ञीन आरोप लगाते हुए एक आवेदन पेश किया था जिसमे कैलाश अग्रवाल द्वारा वेतन नहीं दिए जाने, उसे प्रताड़ित करने, ड्राइविंग लाइसेंस छीन लेने, मारपीट करने, जान से मारने की धमकी के अलावा पत्नी के साथ अवैध संबंध बनाकर उसे धंधा करवाने जैसे कई आरोप लगाए थे। पुलिस द्वारा इस मामले में राजेंद्र और उसकी पत्नी का बयान भी लिया गया था। लेकिन न्याय के अभाव में पीड़ित राजेंद्र द्वारा 12 अगस्त को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली गई थी।

सीएसपी ऑफिस में ही मृतक ने मौत से पहले दर्ज करवाया था बयान

राजेंद्र द्वारा सूरजपुर सीएसपी ऑफिस में अपना बयान दर्ज करवाया गया था बावजूद इसके उसकी मौत के बाद आरोपी कैलाश अग्रवाल के खिलाफ अपराध दर्ज करने में पुलिस आनाकानी कर रही हैं और कैलाश अग्रवाल को क्लीन चिट देने का प्रयास कर रही हैं।

टूट रही न्याय की आश लेकिन अंत तक करेंगे प्रयास

इस मामले में राजेंद्र की दूसरी पत्नी और नाबालिक बेटी द्वारा न्याय की आस लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा हैं। उनका आरोप हैं कि पुलिस द्वारा मामले को दबाने का भरसक प्रयास किया जा रहा हैं। पुलिस के इस गैरजिम्मेदाराना रवैए से न्याय मिल पाने की उम्मीद कम हो गई हैं लेकिन वह हार नही मानेंगे बल्कि आरोपियों को सजा दिलाने के लिए अंत तक प्रयास करेंगे।

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