हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : नियम कानूनों को ताक पर रखकर शहर में संचालित हो रहे निजी अस्पतालों की लापरवाही के कारण फिर एक महिला को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ा हैं। ऐसा ही एक मामला शहर के एक निजी अस्पताल से सामने आया है जहां एक निजी अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से 20 वर्षीय एक नवविवाहिता की मौत हो गई हैं। महिला के पित्त की थैली में पथरी थी। उसका लेजर ऑपरेशन करने की जगह डॉक्टरों ने ओपन सर्जरी कर दिया। नवविवाहिता की बिगड़ती हालत को देखते हुए उसे दूसरे निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया। जहां नवविवाहिता की मौत हो गई।
क्या हैं मामला
जरही निवासी ममता अग्रवाल 20 वर्ष को पित्त की थैली में पथरी होने पर परिजनों ने उसे शहर के ठाकुरपुर अजिरमा स्थित आशीर्वाद अस्पताल लेकर आए थे। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने महिला का लेजर पद्धति से ऑपरेशन करने की सलाह दी थी। इस पर परिजन राजी हो गए। लेकिन लेजर आपरेशन न करने की बजाय डाक्टरों ने महिला की ओपन सर्जरी कर दी। वहीं कुछ देर बाद महिला की तबियत बिगड़ने लगी। इधर अस्पताल में आईसीयू की सुविधा नहीं होने पर महिला को तत्काल बेहतर उपचार नहीं मिल पाया।
ऐसे में आशीर्वाद अस्पताल द्वारा महिला को गायत्री अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। परिजन गंभीर हालत में महिला को गायत्री अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने बताया कि महिला का पल्स नहीं चल रहा है और उनका ब्रेन भी डेड हो चुका है। बावजूद इसके गायत्री अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला को आईसीयू में भर्ती कर दिया। वहीं कुछ घंटे उपचार करने के बाद डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित कर दिया।
डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप
परिजनों का आरोप है कि चिकित्सकों की बड़ी लापरवाही की वजह से महिला की मौत हुई है। वहीं परिजनों ने निजी अस्पताल प्रबंधन पर सवाल खड़े किए हैं कि जब अस्पताल में आईसीयू की सुविधा नहीं थी तो किस आधार पर महिला की ओपन सर्जरी की गई। महिला की मौत से सहमे परिजनों ने मामले की शिकायत गांधीनगर थाने में की है। साथ ही निजी अस्पताल के खिलाफ जांच कर कार्रवाई करने की मांग परिजनों ने की है।
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