बेटी का पैदा होना लोगो को आखिर क्यों गुजरता हैं नागवार….???झाड़ियों में फिर मिली एक नवजात…

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हिंद स्वराष्ट्र सूरजपुर : बेटी का पैदा होना आखिर लोगो को इतना नागवार क्यों गुजरता हैं? क्या बेटियों को जीने का अधिकार नहीं हैं…? क्या बेटियां अपना खून नही होती जो इनके प्रति कुछ माता पिता को कोई लगाव नहीं होता?? हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सूरजपुर जिले के प्रतापपुर से एक ऐसा ही मामला निकल कर सामने आए हैं जहां एक माता पिता को बेटी का जन्म लेना नागवार गुजरा और उन्होंने नवजात शिशु को झाड़ियों में फेंक दिया। एक ओर जहां बरसात का सीजन चल रहा है और हर तरफ बारिश हो रही है इस बारिश के बीच में निर्मोही माता पिता ने अपनी औलाद को मरने के लिए छोड़ दिया। लेकिन कहते हैं ना जाके राखे साइयां मार सकें ना कोय..….उस बच्ची की आवाज एक भले मानुष तक पहुंच गई जिससे बच्ची की जान बच गई। मामला प्रतापपुर के अमनदोन गांव का है प्रतापपुर में पदस्थ एक डॉक्टर अपने घर से आ रहे थे उस वक्त उन्हें झाड़ियों से बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी जिसके बाद उन्होंने जाकर देखा तो वहां एक नवजात बच्ची स्वस्थ हालत में झाड़ियों में पड़ी हुई थी जिसकेबाद डॉक्टर ने तत्काल स्थानीय लोगों को सूचना दी और बच्ची को प्रतापपुर स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां डॉक्टर ने नवजात शिशु का प्राथमिक उपचार किया और बेहतर उपचार हेतु उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया हैं। मिली जानकारी के अनुसार बच्ची स्वस्थ बताई जा रही हैं। पुलिस को मामले की सूचना दे दी गई हैं। पुलिस द्वारा बच्ची के माता पिता की खोज की जा रही हैं।

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