हिंद स्वराष्ट्र बलरामपुर : प्रा.शाला कोटी, विकासखण्ड वाड्रफनगर में कल स्कूली बच्चों के करंट की चपेट में आने की घटना के संबंध में जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर रिमीजियुस एक्का के द्वारा त्वरित संज्ञान लेकर कार्यवाही की गई। घटना को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी के प्रतिवेदन पर जिला दंडाधिकारी द्वारा 13 बिंदुओं पर मजिस्ट्रियल जांच के आदेश जारी किए गए हैं।
उक्त घटित घटना के संबंध में मजिस्ट्रियल जांच हेतु जिला दंडाधिकारी द्वारा अनुविभागीय दण्डाधिकारी वाड्रफनगर जिला बलरामपुर-रामानुजगंज को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। जांच अधिकारी द्वारा जांच पूर्ण कर सुसंगत अभिलेखों सहित प्रतिवेदन 01 (एक) माह की समय-सीमा में प्रस्तुत करने को कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि प्रा.शाला कोटी, विकासखण्ड वाड्रफनगर में दोपहर दीर्घ अवकाश के समय 03 बच्चियां खेलते हुए विद्यालय के समीप स्थित पी. डी. एस. भवन के पास पहुंच गई। पी.डी. एस. का चैनल गेट जो लोहे का है, उसमे विद्युत करेंट प्रवाहित था, जिसकी चपेट में 03 बच्चियां आ गई, जिनका नाम कु. वर्षा पिता विनोद कक्षा 1ली, कु. काजल पिता महेंद्र तिवारी कक्षा 1ली तथा कु. आरती पिता लालसाय कक्षा 2री है। तीनों बच्चियों को ग्राम वासियों की सहायता से श्री संजू सिंह (रोजगार सहायक) के द्वारा सिविल अस्पताल वाड्रफनगर लाया गया। जहां डॉक्टरों ने कुमारी वर्षा पिता विनोद को मृत घोषित कर दिया। बाकी दोनों बच्चियों का इलाज जारी है और वे खतरे से बाहर हैं।
जिला दंडाधिकारी द्वारा अनुविभागीय दण्डाधिकारी वाड्रफनगर जिला बलरामपुर-रामानुजगंज को घटना की तिथि, समय एवं स्थान का विवरण, शाला संचालन का समय, अवकाश की अवधि में शाला के बच्चों के अवलोकन एवं नियंत्रण हेतु शाला में क्या व्यवस्था रखी गई है, प्राथमिक शाला कोटी के कैम्पस में दीर्घ अवकाश के समय सार्वजनिक वितरण प्रणाली के दुकान के चैनल गेट तक बच्चों के जाने पर नियंत्रण क्यों नहीं किया गया? इस अवधि में शाला में पदस्थ शिक्षक व अन्य कर्मचारी कहां पर थे? सार्वजनिक वितरण प्रणाली के दुकान हेतु विद्युत प्रदाय की व्यवस्था किस प्रकार किया गया है?, चैनल गेट में विद्युत करेंट प्रवाहित होने के लिए कौन जिम्मेदार है?, कुमारी वर्षा पिता विनोद निवासी ग्राम कोटी के मृत्यु का कारण एवं इस घटना का जवाबदार कौन है?, इस तरह की घटना न हो, इसके लिये क्या कदम उठाना चाहिये, अन्य तथ्य/मुद्दे जो जांच के दौरान पाये गये हों जैसे तय 13 बिंदुओं पर जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा गया है।