अम्बिकापुर जनपद सीईओ की मेहरबानी से ग्राम पंचायत में हो रहा बंदरबांट…गैर आदिवासी बनकर बैठा हैं सरपंच तो सचिव कर रहा बहन के अकाउंट में पंचायत की राशि ट्रांसफर….

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हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : हमेशा विवादों में घिरे रहने वाले जनपद सीईओ की मेहरबानी एक सचिव पर इतनी ज्यादा हैं कि सस्पेंड होने के बाद सचिव को पुनः उसी ग्राम पंचायत में सचिव बनाकर बैठा दिया साथ ही सचिव को एक दूसरे ग्राम पंचायत का प्रभार भी दे दिया गया हैं। सचिव के खिलाफ कई शिकायतों के बावजूद सचिव के मसीहा बन कर बैठे सीईओ हमेशा सचिव को बचाते नजर आते हैं और इतनी शिकायतों के बावजूद आज पर्यंत सचिव पर किसी प्रकार की कार्यवाही किए जाने का कष्ट नहीं उठा पाए हैं। सचिव द्वारा अपने पंचायत में कई अनियमितताएं की जा रही हैं जिसकी सुध लेने वाला कोई नही हैं। आश्चर्य की बात यह हैं कि सचिव को अपने आला अधिकारियों का संरक्षण कुछ इस तरह से प्राप्त हैं कि सचिव द्वारा पंचायत की राशि अपनी सगी बहन के खाते में बिना किसी भय के ट्रांसफर करवा दिए गए लेकिन बावजूद इसके उन पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाई हैं। आपको बता दें की इस ग्राम पंचायत में सचिव सरपंच द्वारा मिलकर शासन को चुना लगाने का कार्य किया जा रहा हैं और शासकीय पैसे का बंदरबांट किया जा रहा हैं।

गैर आदिवासी बनकर बैठा हैं आदिवासी सीट पर सरपंच

आपको बता दें की यह वही ग्राम पंचायत है जहां एक गैर आदिवासी, आदिवासी सीट पर सरपंच बनकर बैठा हुआ है और सचिव के साथ मिलकर शासकीय पैसे का बंदरबांट कर रहा हैं। आपको बता दे कि यह सरपंच कठपुतली की तरह कार्य करता हैं जिसका रिमोट कंट्रोल सचिव के हाथ में है। अगर आप इस सरपंच से कोई सवाल भी पूछेंगे तो वह बिना सचिव से अनुमति लिए सवाल का जवाब भी नही देंगे।

सरपंच के खिलाफ एसडीएम अंबिकापुर से हो चुकी हैं शिकायत लेकिन 3 महीने बाद भी नही हो पाई जांच

आपको बता दे की इस सरपंच के खिलाफ गैर आदिवासी होते हुए आदिवासी सीट पर सरपंच बन कर शासकीय राशि का दोहन करने का आरोप लगाते हुए मामले की जांच हेतु आवेदन मार्च महीने में ही एसडीएम अंबिकापुर को दिए गए थे लेकिन बावजूद इसके आज पर्यंत कोई जांच नही हो पाई हैं।

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