BIG BREAKING: छत्तीसगढ़ के सभी 145 कर्मचारी- अधिकारी संगठनों ने एक साथ हड़ताल पर जाने का किया ऐलान…

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रायपुर : छत्‍तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले सरकार की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं जहां छत्तीसगढ़ के सभी 145 कर्मचारी- अधिकारी संगठनों ने एक साथ हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। हड़ताल की तारीख तय करने के साथ ही उन्‍होंने सरकार को नोटिस भी थमा दिया है। इस हड़ताल में राज्‍य के सरकारी अधिकारियों- कर्मचारियों के सभी संगठन शामिल हो रहे हैं। इनमें द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के सभी कर्मचारी और अधिकारी शामिल है। इससे सरकार का पूरा कामकाज ठप होने की आशंका है। कर्मचारी संगठनों ने आंदोलन की जो कार्यक्रम जारी किया है उसके अनुसार सभी संगठन सात जुलाई को एक दिवसीय हड़ताल पर रहेंगे। कर्मचारी संगठन सात जुलाई को सामूहिक अवकाश लेकर जिला, ब्‍लॉक और तहसील स्तर पर धरना प्रदर्शन और रैली का आयोजन करेंगे। कर्मचारी संगठनों इसकी सूचना सरकार को दे दी है। आंदोलन को लेकर कर्मचारी संगठनों की तरफ से सरकार को जो नोटिस दिया गया है, उसमें स्‍पष्‍ट चेतावनी भी है कि यदि सात जुलाई के आंदोलन के बाद भी मांगें पूरी नहीं हुई तो सभी संगठन एक अगस्‍त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। छत्‍तीसगढ़ कर्मचारी- अधिकारी फेडरेशन के अनुसार कर्मचारी संगठन अपने हक के लिए सरकार से लगातार शांतिपूर्ण तरीके से मांग कर रहे हैं। अफसरों से लेकर मंत्रियों तक को अलग-अलग स्‍तर पर ज्ञापन सौंपा जा चुका है, लेकिन शासन- प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है और न ही मांगों के संबंध में सरकार की तरफ से कोई पहल होती दिख रही है। ऐसे में इन्हे विवश होकर हड़ताल पर जाने का फैसला करना पड़ा है।

कर्मचारी संगठनों ने इन पांच मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया हैं

– छठवें वेतनमान के आधार देय गृह भाड़ा भत्‍ते को सातवें वेतनमान के आधार पर केंद्रीय दर पर पुनरीक्षित किया जाए।

– राज्‍य के कर्मचारियों और पेंशनरों को केंद्र के समान देय तिथि से महंगाई भत्‍ता स्‍वीकृत किया जाए।

– प्रदेश के कर्मचारियों की विभिन्‍न मांगों को लेकर गठित पिंगुआ कमेटी एवं सामान्‍य प्रशासन विभाग के सचिव की अध्‍यक्षता में वेतन के लिए गठित समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाए।

– कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र के क्रियान्‍वयन के लिए राज्‍य के सभी कर्मचारियों को चार स्‍तरीय वेतनमान क्रमश: आठ, 16, 24 और 30 वर्ष की सेवा अवधि के बाद किया जाए साथ ही अनियमित, संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को नियमित किया जाए।

– पुरानी पेंशन का लाभ दिलाने के लिए प्रथम नियुक्ति त‍िथि से सेवा की गणना की जाए और पूर्ण पेंशन का लाभ अर्हतादायी सेवा 33 वर्ष के स्‍थान पर 25 वर्ष किया जाए।

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