हिंद स्वराष्ट्र अम्बिकापुर : छत्तीसगढ़ में तपती गर्मी से राहत और खेती-किसानी के लिए मानसून का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है लेकिन अब ये इंतजार थोड़ा और बढ़ता दिखाई दे रहा है। मौसम विशेषज्ञों की माने तो 26 जून तक इसके प्रवेश के आसार हैं लेकिन इस बार मानसून की एंट्री किसी और डायरेक्शन से हो सकती है। प्रदेश में हर साल मानसून बस्तर पहुंचता है लेकिन इस साल ये तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र में ही अटका हुआ है। इसलिए बस्तर पहुंचने में देरी हो रही है जबकि उत्तर-पूर्वी हिस्से में झारखंड, ओडिशा और बिहार में बारिश हो रही है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि हो सकता है कि बस्तर से पहले राज्य के दूसरे हिस्से से बारिश हो जाए या फिर प्रदेश के दक्षिण और उत्तर-पूर्वी हिस्से को मानसून एक साथ कवर कर सकता है। आमतौर पर बस्तर से प्रवेश करने वाला मानसून रायपुर, बिलासपुर होते हुए सबसे आखिरी में सरगुजा, जशपुर पहुंचता है, जो राज्य के उत्तर पूर्वी हिस्से में हैं और सरगुजा संभाग झारखंड और ओडिशा से लगा हुआ है। इसलिए संभावना जताई जा रही है कि बस्तर से पहले राज्य के इस हिस्से में बारिश शुरू हो जाए।
इस साल किस कारण हुई देरी
मौसम विशेषज्ञ एचपी चंद्रा ने बताया कि मानसून अभी आंध्रप्रदेश में ही अटका हुआ है। सामान्य तौर पर तेलंगाना, आंध्र और महाराष्ट्र से होते हुए दक्षिण छत्तीसगढ़ से मानसून की एंट्री होती है। जब तक आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में व्यापक बारिश नहीं हो जाती, तब तक दक्षिण छत्तीसगढ़ में मानसून की एंट्री नहीं होगी हालांकि हर साल से अलग इस बार उत्तर-पूर्व छत्तीसगढ़ के आसपास मानसून की अनुकूल परिस्थितियां बन रही है।
23 जून से तापमान कम होगा
मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो से तीन दिनों के अंदर मानसून ओडिशा के कुछ हिस्सों, बंगाल, बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तरप्रदेश के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ सकता है और अच्छी बारिश हो सकती है। मौसम विशेषज्ञ एचपी चंद्रा ने बताया कि प्रदेश में 23 जून से तापमान में कमी आने लगेगी और 26 जून तक मानसून प्रवेश के संभावना जताई जा रही है। मानसून को पूरा प्रदेश कवर करने में इस बार ज्यादा समय नहीं लगेगा क्योंकि प्रदेश के लगभग सभी हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनी हुई है।