रायपुर : विधानसभा के बजट सत्र में पारित छत्तीसगढ़ मीडियाकर्मी सुरक्षा अधिनियम 2023 विधेयक को राज्यपाल से मंजूरी दे दी गई है। राजपत्र में इसकी अधिसूचना भी प्रकाशित हो गई है। इसके साथ प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर कानून पारित हो गया है। अब पत्रकार को प्रताड़ित व हिंसा करने पर 25 हजार रुपए तक के जुर्माना का प्रावधान किया गया है। यदि कोई कंपनी ऐसा करती है, तो उसे 10 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। कानून के अनुसार अधिनियम के शासकीय राजपत्र में अधिसूचना के प्रकाशन के 90 दिनों के भीतर शासन मीडियाकर्मियों की सुरक्षा के लिए एक समिति का गठन करेगा। यह समिति पत्रकारों की प्रताड़ना, धमकी, हिंसा, गलत तरीके से अभियोग लगाने और उनको गिरफ्तार करने संबंधी शिकायतों का निराकरण करेगी।
यह समिति छत्तीसगढ़ मीडिया स्वतंत्रता संरक्षण एवं संवर्धन समिति के नाम से जानी जाएगी। कानून के मुताबिक यदि किसी मीडियाकर्मी के खिलाफ आरोप या जांच हो रही है या पूर्व में जांच हुई है तब समिति संबंधित जिला पुलिस अधीक्षक से 15 दिनों के भीतर जांच प्रतिवेदन सौंपने का निर्देश दे सकती है।
झूठी शिकायत पर सजा
कानून में पत्रकारों की ओर से झूठी शिकायत करने पर सजा का भी प्रावधान किया गया है। इसके मुताबिक यदि किसी पत्रकार की शिकायत झूठी पाई जाती है, तो उसका पंजीयन निरस्त कर दिया जाएगा। दोबारा ऐसा होने पर संबंधित पत्रकार से 10 हजार रुपए जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।
इनको लाभ
मीडिया संस्थान में कार्यरत संपादक, लेखक, समाचार संपादक, उपसंपादक, रुपक लेखक, प्रतिलिपि संपादक, संवाददाता, व्यंग्य चित्रकार, समाचार फोटोग्राफर, वीडियो पत्रकार, अनुवादक, प्रशिक्षु मीडियाकर्मी, समाचार संकलनकर्ता और स्वतंत्र पत्रकारों को इसका लाभ मिलेगा। इसके अलावा आकाशवाणी, सामुदायिक आकाशवाणी, सेटेलाइट चैनल व ऐसे वेबपोर्टल जो शासन के नियमानुसार पंजीकृत हो, उन्हें भी लाभ मिलेगा।