हिंद स्वराष्ट्र एमसीबी किशन देव शाह : वार्ड क्रमांक 21 रापखेरवा में बने अटल आवास परिसर स्वच्छता मिशन से कोसो दूर हैं। श्रमिकों को रहने के लिए सस्ते दर में आवास की सुविधा दी गई है। आवास की आवंटनों पूरा नहीं होने पर अधिकांश में बेजाकब्जा और कई खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। परिसर में जगह-जगह कचरों का अंबार देखा जा सकता है। विभागीय अधिकारियों के निरीक्षण से दूर होने के कारण न केवल स्वच्छता बल्कि बिजली और पानी जैसे मूलभूत सुविधाओं से परिसर वंचित हैं। क्षेत्र में अटल आवास बनाया गया है। इनमें सभी जगहों में गंदगी का आलम है। असुविधाओं की मार झेल रहे यहां के लोगों के लिए प्रशासन भी ध्यान नहीं दे रहा। स्थानीय जन प्रतिनिधि भी इनकी सुध नहीं ले रहे हैं। यह दशा क्षेत्र के अटल आवासों की है। स्वच्छता के अभाव में यह स्लम एरिया बनकर रह गया है।
नगर पालिका के वार्ड नंबर 21 में स्थित अटल आवास में रहने वाले बीपीएल परिवार के लोग सबसे अधिक पेयजल, शौचालय और गंदगी की समस्या से जूझ रहे हैं। आवास के आसपास गंदगी है। पिछले कई बरस से नालियों की साफ सफाई नहीं कराई गई है। गंदगी की वजह से मच्छरों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। जिससे मलेरिया एवं जानलेवा डेंगू जैसी बीमारियों के फैलने का भय बना हुआ है वहीं आवास भी अत्यंत जर्जर हो चले हैं।
अटल आवास में शौचालय के लिए बनाए गए सेप्टिक टैंक और चेंबर पूरी तरह जाम हैं। मजबूरी में लोगों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ रहा है।यहां पर पानी के लिए एकमात्र हैंडपंप का ही सहारा है। बड़ी बात यह कि अटल आवास में रहने वाले गरीब परिवार के लोग नरकीय जिंदगी जी रहे हैं, लेकिन वे अपनी शिकायत शासन तक नहीं पहुंचा पा रहे। वहां रहने वालो ने बताया कि नगर पालिका अध्यक्ष सालों से आए नहीं हैं। महिला पार्षद से अपनी समस्याओं को बताते हैं तो वे पहल करती हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं होती।